________________ 112] चान्द्रव्याकरणम् [धातु० 364 एज-४१७ घिणि 364 एज़ रेज़ भेज़ भ्राजु दीप्तौ / 361 होड़ अनादरे / (305) (162, 165, 163, 164) 362 बाढ़ आप्लाव्ये / (306). 365 अट्ट अतिक्रमे / (273) 363 द्राड़ ध्राड़ विशरणे / 366 वेष्ट वेष्टने / (274) (307, 308) 367 चेष्ट चेष्टायाम् / (275) 364 श्लाड़ श्लाघायाम् / (306) . 368 गोष्ट लोष्ट संघाते / (276,277) 365 ति! तेपृ ष्टेपृ क्षरणार्थाः / / 366 घट्ट चलने / (278) (385, 386, 388) 396 ग्लेपृ दैन्ये / (360) / 370 स्फुट विकसने / (276) 371 अठि गतौ / (280) 397 टुवेपृ कम्पने / (361) 372 वठि एकचर्यायाम् / (281) / 368 केपृ गेपृ ग्लेपृ च / (362-364) 373 मठि कठि शोके / (282,283) 366 केबृ पेष मेब रेब गतौ / 374 मुठि पलायने / (284) 400 पूष् लज्जायाम् / (366) 375 एठ हेठ विबाधायाम् / 401 कपि चलने / (400) (286, 285) 402 अबि शब्दे / (403) 376 हिडि गतौ / (287) 403 रबि लबि अवस्रंसने / 377 हुडि पिडि संघाते / (401, 404) (288, 263) 404 कबृ वर्णे / (405) 405 क्लीब आधाष्टर्ये / (406) 378 कुडि दाहे / (286) 406 क्षीब मदे / (407) 376 वडि मडि वेष्टने / 407 शीभृ कत्थने / (408) (260, 261) 408 चीभ च / (406) 380 भडि परिभाषणे / (262) 406 रेभ शब्दे / (410) 381 मुडि मार्जने / (264) 410 ष्टभि स्तभि स्कभि प्रतिबन्धे / 382 तुडि तोडने / (265) (413, 414) 383 भुडि भरणे (266) 411 जभि जुभि गात्रविनामे / (416) 384 स्फुडि विकसने / (267) 412 शल्भ कत्थने / (417) 385 चडि कोपे / (268) 413 वल्भ भोजने / (418) 386 शडि रुजायाम् / (266) .. 414 गल्भ धाष्टर्ये / (416) 387 तडि ताडने / (300) 415 श्रन्भु प्रमादे / (420) 388 पडि गतौ / (301) 416 ष्टुभु स्तम्भे / (421) 386 काड मद / (302) 417 घिणि घुणि घृणि ग्रहणे / 360 खडि मन्थे / (303) (461, 463) m mr m WWW