________________ 110] चान्द्रव्याकरणम् [धातु० 249 शश - 307 पर्ष 246 शश प्लुतगतौ / (762) 276 दाण् दाने / (977) 250 शसु हिंसायाम् / (763) 280 व कौटिल्ये / (678) 251 शन्सु स्तुतौ / (764) 281 स्वृ शब्दे / (976) 252 चह परिकल्कने / (765) 282 द्व वरणे / (181) 253 रह परित्यागे / (767) 283 स गतौ / (982) 254 रहि गतौ / (768) 284 ऋ प्रापणे / (183) 255 दृह दृहि वृह वृहि वृद्धौ / / 285 गृ घृ सेचने / (684, 985) (766-772) 286 ध्वृ हुर्छने / (686) 256 वृहिर् शब्दे / (772) 287 शु स्रु दु द्रु गतौ / / 257 तुहिर् दुहिर् अर्दने / (773,774) (687, 661, 662) 258 अर्ह मह पूजायाम् / (776,766) 288 षु प्रसवे / (688). 256 धेट पाने / (651) 286 जि जि अभिभवे / (663, 664) 260 ग्लै हर्षक्षये (652) 260 तु प्लवने / (1018). 261 म्लै गाविनामे / (653) 261 क्ष्विदा अव्यक्ते शब्दे / (1027) 262 द्यै न्यक्करणे / (654) 262 स्कन्दिर् गतौ / (1028). 263 नै स्वप्ने / (655) 263 यभ मैथुने / (1026) 264 | दीप्तौ / (656) 264 णम प्रह्वत्वे शब्दे च / (1030) . 265 ध्यै स्मृ चिन्तायाम् / (657,680) 265 गम्ल सृप्ल गतौ / . . . 266 कै गै रै शब्दे / (1031, 1032) . (664, 665, 658) 266 यमु उपरमे। (1033) 267 ष्टय स्त्यै संघाते च / (656) 267 तप संतापे / (1034) 268 खै खदने / (660) 268 त्यज हानौ / (1035) 266 : जै पै क्षये / (661-663) 266 षन्ज गतौ / (1036) 270 भै नै पाके / (666, 667) - 300 दृशिर् प्रेक्षणे / (1037) 271 पै ओवै शोषणे / (668, 666) 301 दश दशने / (1038) 272 ष्टै वेष्टने / (970) 302 कृष विलेखने / (1036) 273 दैप् शोधने / (971) 303 दह भस्मीकरणे / (1040) 274 पा पाने / (972) 304 मिह सेचने (1041) 275 घ्रा गन्धोपादाने / (673) - 305 कित निवासे (1042) 276 घ्मा शब्दे / (674) / अतङानाः / 277 ष्ठा गतिनिवृत्तौ / (675) 306 एध वृद्धौ / (2) 278 म्ना अभ्यासे / (676) 307 स्पर्ध संहर्षे / (3)