________________ [71 अ० 6, पा० 3, सू० 65-116] चान्द्रव्याकरणम् 65 नह-आहो धः / पा०८॥२॥३४,३५। 62 ह्रादः ह्लद् / पा०६॥४॥६५॥ 66 वश्च-भ्रस्ज-सज-मृज-यज-राज-भ्राज- 63 क्तिनि / काशिका 6 // 4 // 65 // शां षः। पा०८।२।३६। 64 फुल्ल-क्षीब-कृश-उल्लाघाः / 67 झलः जश् / पा०८।२।३६। पा०८।२१५५। 68 त-सोस्त-सौ मत्वर्थे / पा०१।४।१६। 65 न ध्या-ख्या-प-मूछि-मदाम् / 66 झषः एकाचः स्-ध्वोः बशो भए / पा०८।२।५७। पा०८।२।३७। 66 वित्तःप्रतीत-भोगयोः। पा०८।२।५८। 70 धस्त-थोश्च / पा०८।२॥३८॥ 67 भित्तं शकले / पा०८।२।५६ / 71 त-योः धः अधः / पा०८।२।४०। 68 ससजुषः रः / पा०८।२।६६। 72 सि ष-ढोः कः / पा०८॥२॥४१॥ 16 अह्नः। पा०८।२।६८। 73 मो नो म्बोश्च / पा०८।२।६४,६५। 100 लुकि अरि रः। पा०८।२१६६। 74 र-दात् त-तवतोर्दश्च / पा०८।२॥४२॥ 101 प्रचेतसः राजनि वा / 75 यणसंयोगात् आतः। पा०८।२।४३। पा०८।२।७०वा०१। 76 ऋ-लवादिभ्यः क्तिनश्च / 102 पत्यादिषु अहरादीनाम् / - पा०८।२।४४+वा०१॥ पा०८॥२॥७० भा०॥ : 77 पूत्रः नाशे / पा०८।२।४४ वा०३। 103 दः अनडुहः / पा०८।२।७२। 78 दु-खोः ऊ च / पा०८।२।४४ वा०२॥ 104 वसु-स्रंसु-ध्वंसां सः।पा०८।२।७२। * 76 सेः ग्रासे / पा०८।२।४४ वा०४। 105 तिपि / पा०८।२।७३। 80 ओदितः / पा०८।२।४५॥ 106 सिपि रुर्वा / पा०८।२।७४। 81 क्षेः क्षी च / पा०८।२।४६। 107 दः। पा०८।२।७५। 82 वा भाव-आक्रोश-दैन्येषु / 108 धातोः र-वोः अनचि इकः दीर्घः / . .. पा०६।४।६०,६१। पा०८।२।७६,७७॥ 83 इयः अस्पशे / पा०८॥२॥४७॥ 106 न सुपि यचि / पा०८।२।७६। 84 अञ्चः अनवधौ / पा०८।२।४।। 110 द्वित्वे / पा०८।२।७८ वा०१॥ - 85 अद्यूते दिवः / पा०८।२।४६। 111 कुरु-च्छुरोः / पा०८।२७६। .86 अवाते निर्वाणः / पा०८।२।५०। 112 अदसः अत्वे दात् उ दः मः। 87 घा-त्रा-अति-ही-नुद-उन्द-विदो वा / पा०८।२।८०॥ पा०८।२।५६,६०। 113 अद्रौ वा / पा०८।२।८० भा०। 88 प्रस्त्यः मः। पा०८॥२॥५४॥ 114 एत ईत् / पा०८।२।८१॥ 86 क्षः / पा०८।२।५३। 115 वाक्याचां प्लुतः अन्त्यः। 60 शुषः कः / पा०८॥२॥५१॥ पा०८।२।८२॥ 6.1 पचो वः। पा०८॥२॥५२॥ पा०८/२१८४॥