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________________ 532 जीतकल्प सभाष्य 2312 1955 1627 251 249 2300 2053 1552 अट्ठारसेव पुरिसे अट्ठारसेहिं ठाणेहिं अट्ठारसेहिं पुण्णेहिं अट्ठारसेहिं मासेहिं अणणुण्णात गुरूहिं अणपुच्छाएँ गणस्सा अणमप्पेण कालेणं अणयारमायरंती अणवठ्ठप्पावत्ती अणवठ्ठप्पो तवसा अणवठ्ठप्पो दुविधो अणिगूहितबल-विरिया अणिमित्त अकम्हभयं अणियतचारी अणियत.... अणिसट्ठ भणितमेतं अणिसट्ठमणुण्णातं अणिसिटुं पि य तिविधं अणुगामिओ उ ओही अणुपरिहारिगा चेव अणुपरिहारी गोवालग.... अणुपरिहारीया पुण अणुपुव्विविहारीणं अणुलोमा पडिलोमा अणुवरमंतो कीरति अण्णं च इमो दोसो अण्णं व एवमादी अण्णतरपमादेणं अण्णत्थ एरिसं दुल्लभं अण्णम्मि अविज्जंते अण्णा दोण्णि समाओ अण्णाय उ वेलाए अण्णे वि अत्थि दोसा अण्णेहि य सो भणितो अण्णोण्णस्स सगासे 2107 | अण्णोवस्सयबाहिं 150-153 | अतिपरिणामो भणती 2157 | अतिबहुयं अतिबहुसो 2155 अतियारगुरुभरेणं 1741 | अतियारपंकपंकं.... 389 | अतियारसेवणाए 298 | अतियारस्स तु असती 789 | अतिरं अंगारादी 2421 | अतिरं अणंतणिक्खित्त 102 अतिरं परित्तणिक्खित्त 2303 | अतिर णिरंतर भणितं 2257 | अतिर णिरंतर भण्णति 925 | अत्तट्ठिय आदाणे 166 | अत्तणो आउगं सेसं 1283 | अत्थं पडुच्च सुत्तं 1280 | अत्थमितम्मि वि सिव्वसि 1275 | अत्थविसंवादेवं 46 अत्थादाणे ततिओ 2151 अदुवा चियत्तकिच्चे 2143 | अद्दिटुं दिटुं खलु 2147 | अद्धमसणस्स सव्वं.... 510 अद्धाणकप्पऽणेसी 525 | अद्धाण जणवदे वा 2546 | अद्धिति दिट्ठीपण्हय 314,748 | अद्धोयणा परेणं 2467 | अध सो गतो उ तहियं 136 अपरक्कमो तवस्सी 2007 | अपरक्कमो बलहीणो 2349 अपरक्कमो मि जातो 346 अपरक्कमो य सीसं 774 अपरिग्गह णारी पुण 2010 | अपरिग्गहितो तहियं 1442 | अपरिच्छणम्मि गरुगा 2092 | अपरिच्छितुमायवए 38 1692 1680 1213 2126 264 2487 1017 2419 2029 226 1638 607 133 1428 964 583 568 498 567 570 2364 2311 392
SR No.004291
Book TitleJeetkalp Sabhashya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jitkalpa
File Size15 MB
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