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________________ परिशिष्ट-2 पदानुक्रम अइमाण सधूमे या अइरं फलादिपिहितं अइरुग्गयम्मि सूरे अंगारभूइ थाली अंगुलमावलियाणं अंगुलिए चालेलं अंचु गती-पूजणयो अंतगतो वि य तिविधो अंतो तिह पायम्मी अंतो बहि चतुगुरुगा अंतो वा बाहिं वा अंधेल्ल-पगलितादी . अंबरे व कतो संतो अंबादीदिटुंतेहिँ अकडज्जोगा ऽजोग्गविय... अकतकरणम्मि पणगं अकतकरणम्मि मूलं अकतथिरम्मी छेदो अकतम्मी आयाम अकते छल्लहुगा तू अकतेसु तु पुरिमासण.... अक्कोसतज्जणादिसु अगरहित कूरकुसणं अग्गहो ततियादीया अग्गीत-थिरे अकते अग्गीतसगासम्मी अग्गीता वि थिराऽथिर अघणघणचारिगगणे अचरित्तयाए तित्थे अच्चंतमणुवलद्धा अच्चंतोसण्णेसु य 93 | अज्जा 1694| अच्चित्तमक्खित दुहा 1553 अच्चित्तमक्खितम्मी 2132 अच्चित्त सचित्तेणं 1215 | अच्चित्ते अच्चित्तो | अच्चित्तो अच्चित्ते 1232 | अच्छउ ता गाहत्थो 729 | अच्छउ ता ववहारो ___39 अच्छउ महाणुभावो 1613 | अच्छंति ता उ दिक्खंता 1620 | अच्छिण्णपरीमाणो 360 अज्ज अहं संदिट्ठो 1578 | अज्जवभावे अज्जव अज्जाण परिग्गहिताण 1951 अज्झवसाठाणेहिं 2193 | अज्झवसाणेहिं पसत्थ.... 2240 | अज्झुसिरं तु कुसादी 2217 अझुसिरतणेसु निव्विग.... 2214 | अज्झोतर-कड-पूतिय 2236 अट्ठम छट्ठ चउत्थं 2222 | अट्ठम दसम दुवालस 53 अट्ठमभत्ताऽऽढत्तं 2469 अट्ठममादी गिम्हे 1506 | अट्ठविधरायपिंडं 2163 | अट्ठविधा गणिसंपद 2215 || अट्ठविधा पट्ठवणा 356 | अट्ठहि अट्ठारसहि य 2205 | अट्ठाएँ अणट्ठाए 1171 | अट्ठायारवमादी 316 | अट्ठारस छत्तीसा ___36 | अट्ठारससीलसहस्स.... 85 | अट्ठारससु पुण्णेसु 1503 1507 1550 1519 1521 1087 24 2566 2140 1278 2328 250 2070 62 50 1768 1861,2146 348,1836,1901 2229 1864 2002 160 2261 242 1015, 1115 244 2580 2571 2137
SR No.004291
Book TitleJeetkalp Sabhashya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jitkalpa
File Size15 MB
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