________________ 192 जीतकल्प सभाष्य 1854. होति जहण्णुक्कोसो, जहण्णमज्झो जहण्णगजहण्णो। नवविधववहारेसो, लघुपक्खे होति णातव्वो॥ 1855. उक्कोसुक्कोसो तू, उक्कोसगमज्झिमो जहण्णो य। मज्झिमउक्कोसो तू, मज्झिममज्झो जहण्णो य॥ 1856. होति जहण्णुक्कोसो, जहण्णमज्झो जहण्णगजहण्णो। नवविधववहारेसो, लहुसगपक्खे मुणेतव्वो॥ 1857. बारसम दसम अट्ठम, छप्पणमासेसु तिविध दाणेदं / चउ-तेमासे दसमऽट्ट, छट्ठ उक्कोसगादि तिहा। 1858. एमेवुक्कोसादी, दुमास गुरुमासिगे तिहा दाणं / अट्ठम छ? चउत्थं, नवविधमेतं तु गुरुपक्खो // 1859. दसमं अट्ठम छटुं, लहुमासुक्कोसगादि तिह दाणं / अट्ठम छट्ठ चउत्थं, उक्कोसादेय तिह भिण्णे // 1860. छट्ठ चउत्थाऽऽयामं, उक्कोसादेय दाण वीसाए। लहुपक्खम्मी नवगो, बीओ एसो मुणेतव्वो॥ 1861. अट्ठम छट्ठ चउत्थं, एवुक्कोसादि दाण पण्णरसे। छट्ठ चउत्थाऽऽयामं, दससू तिविहेत दाण भवे // 1862. खमणाऽऽयामेक्कासण, तिविहोक्कोसादि दाण पणगेतं / लघुसेस ततियणवगो', सत्तावीसेस' वासासु // 1863. सिसिरे दसमादी पुण, चारणभेदेण सत्तवीसे य। ठायति पुरिमड्डम्मी, अड्डोक्कंती य तह चेव // 1864. अट्ठममादी गिम्हे, चारणभेदेण सत्तवीसेण / तह चेव अड्डक्कंति', ठायति णिव्वीतिगे नवरिं // 1865. अहुणा उ चारणा तू, उक्कोसुक्कोसगादि गुरुगादी। वासासू सिसिरे या, गिम्हे य समासतो वोच्छं / / 3. अड्डोक्कंती (पा, मु)। 1. वगा (ता, पा, ब, ला)। 2. सत्तावी (ला)।