________________ 134 जीतकल्प सभाष्य 1229. एवं णाऊण ततो, परिहरती एस होति ओसक्का। उस्सक्कण कंतंती', भणिता चेडेण दे भत्तं // 1230. कंतामि भणति' पेखें, तो ते दाहामि पुत्त! मा रोव। सा य समत्ता पेलू, देही एत्ताहें सो भणति // 1231. मा ताव झंख पुत्तय! परिवाडीए. इहेहिही साहू। एतट्ठमुट्ठिताए, दाहं सोउं विवज्जेति // 1232. अंगुलिए चालेउ', कडुति कप्पट्ठओ घरं जत्तो। किं ति? कहिते ण वच्चति", पाहुडिया एय सुहुमा तु // 1233. बादरपाहुडिया वि य, ओसक्काहिसक्कणे य दुविधा उ। कप्पट्ठगसंघाडग, ओसरणेणं च निद्देसो॥ 1234. 'जह पुत्तविवाहदिणो, ओसरणातिच्छिते" मुणिय सड्डो। 'ओसक्के ओसरणं, संखडिपाहेणगदवट्ठा // 1235. अप्पत्तम्मी ठवितं, ओसरणे 'होहिइ ति१० उस्सक्के / संपागडमितरं१२ वा, करेति उज्जूमणुज्जू वा॥ 1236. मंगलहेतुं पुण्णट्ठया व३ ओसक्कितं" 'च उस्सक्के 15 / 'किं कारणं? ति पुट्ठो, सिट्टे ताहे '16 विवज्जेंति // 1237. पाहुडिभत्तं भुंजति, ण पडिक्कमते य तस्स ठाणस्स। एमेव अडति बोडो, लुक्कविलुक्को जह कमेडो" // 1. कंतंतं (ला)। 10. होति (पा, ला)। 2. ताव (पिभा)। 11. "सकणं (पिनि 135) / 3. पिभा (26) में इसका उत्तरार्ध इस प्रकार है- 12. तं पाग (पिनि)। जइ तं सुणेति साहू , न गच्छते तत्थ आरंभो। 13. व्व (ता), च (ला, ब, पा)। 4. पिनि 132 / 14. उस्सक्केतं (ब)। 5. वा घेत्तुं (पिनि 133) / 15. दुहा पगतं (पिनि)। 6. जुत्तो (ब), तेण (पिनि)। 16. उस्सक्कितं पि किं ति य पुढे सिट्टे (पिनि 135/1) / 7. गच्छति (पिनि)। 17. लुक्कणिलु (मु)। 8. पत्तस्स विवाहदिणं ओसरण अइच्छिते (पिनि 134) / 18. कवोडो (पिनि 136) / 9. 'क्कंतोसरणे (पिनि)।