________________ पाठ-संपादन-जी-१ 230. चुतधम्म' णट्ठधम्मोरे, चरित्तधम्माउ दंसणाओ वा। तं ठावेति' तहिं चिय, पुणो वि धम्मे जहुद्दिढे // 231. तस्स त्ती तस्सेव उ, चरित्तधम्मस्स वुड्डिहेतुं तु / वारेतऽणेसणादी, ण य गिण्हे सयं हितट्ठाए // 232. जं इह-परलोगे या, हितं सुहं तं खमं मुणेतव्वं / णिस्सेयस मोक्खो तु, अणुगामऽणुगच्छते जं तु॥ 233. विक्खेवणविणएसो, जहक्कम वण्णितो समासेणं। एत्तो तु पवक्खामी'', विणयं दोसाण णिग्घाते // 234. दोसा कसायमादी, बंधो अहवा वि अट्ठपगडीओ। / णियतं व णिच्छितं वा, घात विणासो य एगट्ठा // 235. रुट्ठस्स२ कोधविणयण, दुट्ठस्स य दोसविणयणं जं.३ तु / . कंखिय कंखुच्छेदे", आयप्पणिहाण चउहेसा॥ 236. 'सीतघरम्मि व'५ डाहं, वंजुलरुक्खो६ व जह व उरगविसं। . रुट्ठस्स७ तहा कोधं, पविणेती उवसमेति त्ति // 237. दुट्ठो कसाय-'विसयादिएहिँ माण-मयभावदुट्ठो व८ / . तस्स पविणेति दोसं, णासयते धंसते व ति॥ 238. कंखा उ भत्त-पाणे, परसमए अहव संखडीमादी / तस्स पविणेति कंखं, संखडि अण्णावदेसेणं२० // 1. धम्मो (ब, ला)। 2. भट्ठ (व्य 4147) / 3. चरित्तं ध' (पा)। 4. टावति (पा)। 5. “ट्टिो (ला)। 6. वड्डि (ब)। 7. गेण्ह (व्य 41.48) / 8. मोक्खाय (व्य 4149) / 9. तह (पा)। 10. खामि (ब, पा)। ११.व्य 4150 / 12. कुद्धस्स (व्य 4151) / 13. x (पा)। 14. कंखाछेदो (व्य)। 15. घरं पिव (व्य 4152) / 16. लरेहा (ला)। 17. कुद्धस्स (व्य)। 18. 'सएहि माण-मायासभाव दुट्ठो वा (व्य 4153) / 19. कंख एमादी (मु, ब, ला)। 20. अण्णं व (पा, ब, मु, ला), व्य 4154 /