________________ धातकी खंड 4 लाख योजन कालोदधि समुद्र 8 लाख योजन वजमय जगति 2 लाख योजन लवण समुद्र 8 लाख योजन काल महर्द्धिक देव महाकाल महर्द्धिक देव जम्बू द्वीप 1 लाख यो. Chdaii कालोदधि समुद्र चित्र क्र.58 कालोदधि समुद्र के भी दो अधिष्ठायक देव हैं। जिनके नाम 'काल' एवं 'महाकाल' है। ये दोनों एक पल्योपम की आयुष्य वाले व्यंतर जाति के महर्द्धिक देव हैं, जो कालोदधि समुद्र में स्थित गौतम द्वीप' में रहते हैं। यहाँ दो गौतम द्वीप व एक सौ आठ सूर्य-चन्द्र के द्वीप हैं। कालोदधि में 42 चन्द्र, 42 सूर्य, 1176 नक्षत्र, 3696 महाग्रह और 28,12,950 कोटाकोटी तारे हैं। (चित्र क्रमांक 58) धातकी खण्ड द्वीप से अंतिम स्वयंभूरमण समुद्र तक दो-दो अधिष्ठायक देव हैं। कालोदधि के बाद जो नाम द्वीप के हैं, वे ही नाम समुद्र के हैं। ऐसे असंख्यात द्वीप व समुद्र के नाम एक सदृश हैं। - पुष्कर ढीप | कालोदधि समुद्र को चारों ओर से घेरे हुए चूड़ी के आकार का ही वलयाकार तथा सभी ओर से 16 लाख योजन विस्तार वाला 'पुष्कर द्वीप' है। इसकी परिधि 1,92,89,894 योजन की है। इसके चारों ओर एक सचित्र जैन गणितानुयोग 91