________________ 3 | दाधव 306 / / शाश्वत पर्वत एवं उनके कूट क्रम. शाश्वत पर्वत के नाम पर्वत की संख्या पर्वत पर कूट की संख्या मेरू पर्वत _ 1 | 2 | लघु हिमवंतादि छह वर्षधर पर्वत 56 | दीर्घ वैताढ्य पर्वत (32 विजयों में 32,1 भरत, 1 ऐरवत) 34 | 4 | वृत्त वैताढ्य पर्वत 15 यमक समक पर्वत 16 | चित्रकूट विचित्रकूट पर्वत 2 17 || गजदन्त पर्वत (देवकुरू, उत्तरकुरू) 4 32 8- कंचनगिरी पर्वत 200 19 वक्षस्कार पर्वत 16 64 269 पर्वत 467 कूट नोट-यमक, समक, चित्रकूट, विचित्रकूट, चार वृत्त वैताढ्य एवं कंचनगिरि पर कूट नहीं है। छह वर्षधर पर्वत पर आये छह महाद्रह से निकलती नदियाँ क्रम. पर्वत का नाम महादह लंबाई अधिष्ठाता महानदियाँ सम्मिलित नदी संख्या लघुहिमवंत पर्वत | पद्मद्रह 1,000 श्री देवी | पूर्व द्वार से गंगा नदी / चौदह हजार पश्चिम द्वार से सिंधु नदी | चौदह हजार उत्तर द्वार से रोहितांशा नदी अट्ठाईस हजार 2 महाहिमवंत पर्वत | महापद्मद्रह 2,000 ह्री देवी दक्षिण द्वार से रोहिता अट्ठाईस हजार उत्तर द्वार से हरिकांता 3 निषध पर्वत तिगिच्छद्रह 4,000 घी देवी दक्षिण द्वार से हरिसलिला | छप्पन हजार उत्तर द्वार से शीतोदा 5लाख 32 हजार 4 नीलवन्त पर्वत केशरीद्रह 4,000 कीर्ति देवी | उत्तर द्वार से नारीकान्ता छप्पन हजार दक्षिण द्वार से शीता 5लाख 32 हजार 5 रूक्मी पर्वत महापुण्डरिक द्रह 2,000 बुद्धि देवी | उत्तर द्वार से रूप्यकूला। अट्ठाईस हजार दक्षिण द्वार से नरकान्ता छप्पन हजार 6 शिखरी पर्वत | पुण्डरिक द्रह 1,000 लक्ष्मी देवी पूर्व द्वार से रक्ता चौदह हजार पश्चिम द्वार से रक्तवती चौदह हजार दक्षिण द्वार से सुवर्णकूला अट्ठाईस हजार | चित्र-विचित्रकूट | निषध देवकुरू सूर, पर्वत (देवकुरू में)| सुलस, विद्युत्प्रभ =5 | यमक समक पर्वत | नीलवंत उत्तरकुरू चंद्र, (उत्तरकुरू में) ऐरवत,माल्यवंत =5 कुल योग 16 महाद्रह 14 महानदियाँ 14,56,000 नदियाँ नोट-सभी द्रहों की लम्बाई से चौड़ाई आधी है। गहराई सबकी 10 योजन है। छप्पनहजार सचित्र जैन गणितानुयोग SAEAAAAAA 81