________________ पौधे को तंत्रिका 183 ही में समान दैहिक विधा है। प्राणी में यदि इसे तंत्रिका की संज्ञा कह सकते हैं तो K A चित्र ११०-बायीं ओर का चित्र ऋणान-आकार पर उत्तेजना को दिखाता है। वाहिनी ओर धनान भंग का प्रभाव (सामान्य पंक्तिपत्र) / वनस्पति में भी इसे वही संज्ञा देने के लिए प्रचुर प्रमाण मिलेंगे।