________________ अध्याय 8 अकार्बनिक पदार्थों की अनुक्रिया बेतार-तरंगों के लिए डिटेक्टर की श्रान्ति--विश्रामोपरान्त संवद्यता का पुनः स्थापन--दीर्घकालीन निष्क्रियता के कारण जड़ता--धातु की वैद्युत अनुक्रिया--उद्दीपनाओं द्वारा अनु क्रिया-वृद्धि--विष द्वारा अनुक्रिया की समाप्ति-सजीव एवं निर्जीव। ... 55-56 - अध्याय 6 . जीवन और मृत्यु की वक्र रेखा वनस्पति एक यन्त्र के रूप में--मृत्यु का संकेत--मृत्यु के समय विद्युत्-विसर्जन--स्मृति का पुनरुनयन--मृत्यु की ऐंठन--मृत्युअभिलेखक--मृत्यु-उत्तेजना का पारेषण--जीवन और मृत्यु के बीच सातत्य / 60-68 अध्याय 10 स्वचलता शालपर्णी (Telegraph Plant) का लयबद्ध स्पन्दन--प्राणी एवं वनस्पति में स्वचालित स्पन्दन--आन्तरिक दाब के परिवर्तन के प्रभाव--स्वापक औषध (Narcotics) की क्रिया-विषों की विरोधी अभिक्रियाएँ--साधारणतः प्रतिक्रियाशील तथा स्वचालित प्रतिक्रियाशील वनस्पतियों के बीच संयोजक शृंखला का प्रकटीकरण-बहुविध प्रत्युत्तर--अर्ध स्वचलता--लयबद्ध संवेदना-- क्षणिक एवं स्थायी स्वतःक्रिया। अध्याय 11 वृद्धि का अभिलेख वृद्धि का माप-उच्च प्रवर्धन वृद्धिलेखी--वृद्धि के स्पन्दन-- आन्तरिक तरल स्थैतिक दाब का प्रभाव--उद्दीपना का प्रभाव-- पीनाधारी और बढ़ते हुए अंगों की अनुक्रिया की समानता--ताप की विविधता का प्रभाव-निश्चेतकों (Anaesthetics) का प्रभाव--रासायनिक उद्दीपकों का प्रभाव--परोक्ष और प्रत्यक्ष उद्दीपना के प्रभावों का नियम-बल्य (Tonic) दशा का प्रभावपरोक्ष एवं प्रत्यक्ष उद्दीपना के प्रभाव / ... 76-87 ... 69-78