________________ 223 अरणी गुण-लध्वनिमन्थस्य गुणाः प्रोक्ता वृद्धाग्निमन्थवत् / विशेषाल्लेपने चोपनाहे शोफे च कीर्तिताः // -नि० 20 छोटी भरणी-का गुण भी उड़ी अरणी के समान ही है। किन्तु यह विशेष करके लेप करने से उपनाह और शोथ नाशक है। गुण -तेज मन्थगुणाः प्रोक्ताश्चाग्निमन्थसमा बुधैः / विशेषाद्वातशोफे च प्रोक्ताः पूर्वैश्च सूरिभिः // -नि० र० तेजोमंथ-के गुण भी अरणी के समान ही है / किन्तु यह विशेष करके वात और शोथनाशक कही गई है। विशेष उपयोग (1) शोथ पर-अरणी की पत्ती सेंककर बाँधनी चाहिए। (2) शीतज्वर में-अरणी की जड़ शिखा में बाँधे / (3) वसाप्रमेह में-अरणी के फूल का काढ़ा पीएँ। (4) शीतपित्त में-अरणी के फूल का चूर्ण घी के साथ दें। ___(5) पक्षाघात में-काली अरणी का तेल लगाएँ / (6) संधिवात पर-अरणी का तेल लगाएँ। (7) दाह पर-काली अरणी पीसकर लगाएँ /