________________ ( 20 ) पक्षाघात में-२२३ पथरी पर--९८, 204, 237, 263 पथरी में-८०, 151, 170, 173 पशुओं के विष पर-१६४ पशु की योनि बाहर निकले तो-१२८ पसीना के अधिक आने पर-१४५ . पसीना लाने के लिए-६५, 88 पाण्डुरोग में-५२, 138, 145, 149, 174, 203 पाँव की जलन पर-१४० पाचनशक्ति के लिए-११८ . पारा का विष-५५, 187 पारा के विष पर-२२५ पारी के ज्वर पर-२३२ पित्त की अधिकता में विरेचन के लिए-१७४ पित्तज गुल्म में-१७४ पित्तज प्रदर-५७ पित्तज प्रमेह और मूत्राघात में-२०४ पित्तज प्रमेह में-१४०, 253, 255 पित्तज वातरक्त पर-२३३ पित्तज शिरःशूल पर-२३७ पित्तज शूल में-१२२ पित्तज्वर में-९९, 237 पित्त निकालने के लिए-१८२ पित्त पर-१०८, 120 पित्त-प्रदर-६९, 269 पित्त-विकार पर-२३७