________________ (18) तृषा, मूर्छा, श्वास और सन्ताप में-७० तृषा-शमन के लिए-२५८ स्वचारोग में-१४६ थकान दूर करने के लिए-१९७ थकान मिटाने के लिए-११८ दन्तरोग में-१०४ दमा और हिचकी में-१३७ दस्त के लिए-६४,८४, 91 दाँत-दर्द पर-११४ दाँतों के दर्द पर-२१५ दाँतों के कृमि में-१५२ दाँतों के कीड़े-६० दाँतों के कीड़ों पर-२३३ दाँतों में कृमि हो, तो-१६७, 168 दाद पर-१४५ दाद तथा खुजली पर-२५७ दाह-५२ दाह पर-६४, 75,99, 116, 124, 151, 155, 157, 210, 213, 219, 223, 226, 241, 242, 246, 250, 263 दाह, कुष्ठ और खुजली पर-२५२ दाह, पित्त और शूल-६८ दुष्ट व्रण पर-२३२ दूध कम करने के लिए-२३२ दूध बढ़ाने के लिए-६८, 180, 199