________________ हुरहुज सं० आदित्यभक्ता, हि० हुरहुज, ब० हुरहुडे, म० सूर्यफूल, गु० सूरजमुखी, क० हुरहुर, तै० सूर्यकान्तिमु, अ० अरदमून, फा० गुलेआफताव परस्त, अँ० सन्फ्लावर-Sunflower, और लै० हेलिऐंथेस् एन्युस-Helianthusannus. विशेष विवरण--हुरहुर का पेड़ तथा लता होती है / यह विशेषकर बागों में लगाई जाती है। इसके फूल प्रायः सूर्योदय होने पर खिलते हैं / लतावाले में जो पुष्प आते हैं, वह नीले रङ्ग के होते हैं। पेड़ में जो फूल आते हैं, वह सफेद होते हैं। यह देखने में बड़े सुन्दर और सूर्याकार होते हैं। परन्तु बहुत छोटेछोटे होते हैं / किन्तु यह स्वयं अपने से नहीं उगता / इसका बीज बोना पड़ता है / बोने के चार महीने बाद यह होता है / यह तीन से लेकर पाँच हाथ तक ऊँचा होता है। इसके पत्ते की लम्बाई बारह से पन्द्रह अंगुल तक होती है / इसके पत्ते की डण्ठल लंबी होती है। इसके अनेक गुण होने के कारण अनेक वर्षों से अनुसन्धान करने पर बड़े परिश्रम के बाद नवीन बातें मालूम हुई हैं। यह अश्लेषा और मघा नक्षत्र में बोया जाता है / इस नक्षत्र में बोया हुआ विशेष गुणद एवं उत्तम होता है / इसका तना पाँचछः अंगुल के घेरे में होता है। उस पर लम्बे-लम्बे सफेद रङ्ग के डण्ठल निकलते हैं। प्रत्येक पत्ते के बगल से फूल निकलता है।