________________ वनस्पति-विज्ञान 124 नाशक; हलकी, कषैली और मदकारक है / शेष गुण आँवला की गिरी के समान समझना चाहिए। विशेष उपयोग (१)श्वास और कास पर- बहेड़ा की छाल बकरी के मूत्र के साथ पीसकर गोली बनाना चाहिए / एक-एक गोली प्रतिदिन सेवन करनी चाहिए। . (2) दाह पर-बहेड़ा की गुही पीसकर सिर पर लेप करना चाहिए। (3) आँख की फूली पर-बहेड़ा की गिरी घिसकर अंजन करना चाहिए / (4) सिर दर्द पर-बहेड़ा की गिरी का तेल लगाएँ / (5) कूकर खाँसी पर बहेड़ा के छिलके का रस चूसना चाहिए। दुधिया सं० दुग्धिका, हि० दुधिया, ब० दुधि, म दुधी, गु० दुधेली, क० मरिजवणीगे, तै० पिलपालचेटु, फा० निशाशत, और लै० quellenfeet-Euphorbiahirta. ... विशेष विवरण-दुधिया का पेड़ छत्ता-सा होता है। यह ऊपर कम उठता है / जमीन पर लता के समान फैलता है। यह