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________________ दम कोमल होता है / इसके ऊपर कड़ा छिलका नहीं होता। किंतु एक पतली झिल्ली होती है / गूलर का फल तोड़ने से उसके भीतर परिपक्क गर्भ-केसर और सूक्ष्म बीज दीख पड़ते हैं, तथा भुनगे या कीड़े भी मिलते हैं। गूलर का फूल कभी दीख नहीं पड़ता। यह गोल-गोल अंजीर की आकृति का होता है / गूलर पकने पर खाई जाती है। कच्चे का शाक बनाकर खाया जाता है। फिर भी यह कम ही खाया जाता है। अधिक तर यह औषध के काम आता है। इसके पेड़ की छाया शीतल और सुखद होती है / ____जहाँ पर गूलर का पेड़ होता है, उसके दाहिने अथवा पेड़ के नीचे पानी का झरना अथवा स्रोत होता है / प्रायः लोग गूलर के पेड़ के नीचे या उसके पास कुआँ खोदवाते हैं। गूलर के पेड़ के नीचे का जल अत्यन्त स्वास्थ्यप्रद होता है / गूलर आमाशय के लिए हानिप्रद एवं ज्वर कारक है / इसके फलों में असंख्य कीड़े रहते हैं। इसलिए उन जानवरों को निकाल कर खाना चाहिए / किन्तु अपने को बुद्धिमान समझने वाले लोग कीड़े समेत ही समूचा गूलर खा जाते हैं / इससे स्वास्थ्य की बड़ी हानि होती है / गुण-उदुम्बरः शीतलः स्याद्गर्भसन्धानकारकः / व्रणरोपणकृदूक्षो मधुरस्तुवरो गुरुः // अस्थिसन्धानकृद्वर्ण्यः कफपित्तातिसारकान् / योनिरोगं नाशयति वल्कं चैवास्य शीतलम् // दुग्धदं तुवरं गभ्यं व्रणनाशकरं स्मृतम् /
SR No.004288
Book TitleVanaspati Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHanumanprasad Sharma
PublisherMahashakti Sahitya Mandir
Publication Year1933
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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