________________ वनस्पति-विज्ञान नागफनी का पत्ता हाथ की हथेली से बड़ा और एक-पर-एक निकलता है; और प्रत्येक अंग में इसके कॉटा होता है। इसका काँटा दो अँगुल लम्बा और अधिक तेज होता है। इसके काँटे से बड़ा घाव हो जाता है। इसके ऊपर लाल रंग का फल निकलता है। इसे लोग मीठा होने के कारण खाते हैं / इसके फल का रस गारकर लिखने से लाल स्याही के लिखे-जैसा मालूम पड़ता है। इसका पत्ता जहाँ कहीं गाँड़ दिया जाय, वही यह जड़ पकड़ कर फैलने लग जाता है। इसके आस-पास सर्प विशेष रूप से निवास करते हैं। गुण-स्नुहिरुष्णः पित्तदाहकुष्ठवातप्रमेहनुन् / क्षीरं वातविषाध्मानगुल्मोदरहरं परम् ॥-रा० नि० थूहर-उष्ण एवं पित्त, दाह, कुष्ठ, वात और प्रमेह नाशक है। थूहर का दूध-वात, विष, आध्मान, गुल्म और उदर रोग नाशक है। गुण-सेहुण्डस्य दलं तीक्ष्णं दीपनं रोचनं भवेत् / ___आध्मानाष्ठीलिकागुल्ममूलशोथोदराणि च ॥-शा० नि० थूहर का पत्ता-तीक्ष्ण, दीपक, रोचक तथा आध्मान, अष्ठीला, गुल्म, शोथ और उदर रोग नाशक है। विशेष उपयोग (1) आग से जलने पर-थूहर का दूध जले हुए स्थान पर लगाने से आवले नहीं पड़ते /