________________ मैं एक (अकेला) हूँ। मैं चैतन्यमयह मैं अनंत ज्ञानस्वरूपी हूँ।+ +मैं निश्चय से शुद्ध हूँ। मैं अनंत दर्शनस्वरूपी हूँ। +मैं अनंत सुखस्वरूपी हूँ। मैं अरूपी हूँ। -मैं अनंतवीर्यस्वरूपी हैं। मैं पर सम्बन्ध से रहित हैं। मैं आनंद का भण्डार हूँ। तत्त्व रूपवती धारणा