SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पं० कन्हैयालालजी दक आदि जैनविद्या के मूर्धन्य विद्वानों के साथ ही कुछ नवोदित प्रतिभाओं डॉ० धर्मचन्द जैन, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ० हुकमचन्द जैन, डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय, डॉ. सुभाष कोठारी एवं डॉ. सुरेश सिसोदिया आदि ने भाग लिया और अपने विद्वत्तापूर्ण आलेख प्रस्तुत किये। द्वि-दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन प्रो० कमलचन्द सोगानी के मुख्य आतिथ्य में मोहनलाल सुखड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रो० आर० के० राय ने किया। समापन समारोह के अध्यक्ष ओसवाल सभा, उदयपुर के अध्यक्ष श्री पी० एस० मुर्डिया एवं मुख्य अतिथि उदयपुर के विधायक श्री शिवकिशोर सनाढ्य थे / सत्र कार्यक्रमों का कुशल संचालन डॉ० सुषमा सिंघवी एवं डॉ. सुरेश सिसोदिया ने किया। संगोष्ठी के अन्तिम सत्र में यह विचार उभरकर सामने आया कि संगोष्ठी में पठित आलेखों को प्रकाशित किया जाना चाहिए / तदनुरूप हम "प्रकीर्णक साहित्य : मनन और मीमांसा" के नाम से इन आलेखों का यह संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं / इसमें संगोष्ठी में पठित आलेखों के अतिरिक्त तीन ऐसे आलेख भी समाहित हैं जो प्रकीर्णक साहित्य के मूल्य एवं महत्त्व पर विशेष प्रकाश डालते हैं / संगोष्ठी में होने वाले अर्थव्यय के साथ-साथ इन आलेखों का प्रकाशन व्यय भी कलकत्ता निवासी श्री धनराजजी बाँठिया ने वहन किया है, . इस हेतु हम उनके प्रति विशेष आभारी हैं। साथ ही उपरोक्त आलेखों के सम्पादन, प्रूफ संशोधन, कम्पोजिंग और मुद्रण संबंधी व्यवस्थाओं के लिये संस्थान के मानद निदेशक प्रो० सागरमल जैन एवं शोध अधिकारी डॉ. सुरेश सिसोदिया का बहुमूल्य योगदान रहा, अतःउनके प्रति भी आभार व्यक्त करना अपना दायित्व समझते हैं / इस ग्रन्थ का मुद्रण कार्य वर्द्धमान मुद्रणालय, वाराणसी ने सम्पादित किया है, एतदर्थ हम उनके प्रति भी अपना आभार व्यक्त करते हैं। गुमानमल चोरडिया सरदारमल कांकरिया महामन्त्री अध्यक्ष
SR No.004282
Book TitlePrakirnak Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Suresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1995
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy