________________ प्राचीनतम प्रकीर्णक : ऋषिभाषित : 223 31. पत्तेयबुद्धमिसिणो बीसं तित्थे अरिट्ठणेमिस्स / पासस्स य पण्ण दस वीरस्स विलीणमोहस्स // -इसिभासियाई,पु० 205 32. ऋषिमण्डल प्रकरणम्, गाथा 44, 45 33. पण्हवागरणदसासु णं ससमय-परसमय पण्णवय पत्तेयबुद्धविविहत्यभासाभासियाणं -समवायांगसूत्र, 546 34. बृहदारण्यक उपनिषद्, द्वितीय अध्याय, चतुर्थ ब्राह्मण / * मानद निदेशक आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान पद्मिनी मार्ग उदयपुर (राज.)