________________ सन्दर्भ 1. महाप्रज्ञ, आचार्य, महावीर का अर्थशास्त्र पल.-15 एवं देखें, 'चार पुरुषार्थ' - मुनि चन्द्रशेखरविजय; कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद 2. जैन, प्रेमसुमन (प्रो.) जैन धर्म और जीवन मूल्य, अध्याय दशम, पृ.-72 3. 'धर्मकामयोरर्थमूलत्वाम्' - नीतिवाक्यामत 2/16,17 4. वही 1/47 5. वही, 1/48 वही 2/1, 2/3 एवं देखें - 'नीतिवाक्यामत में राजनीति' डॉ. एम. एल शर्मा, (भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित) . 7. विमलसूरि पउमचरिउं 35/66,67 8. वसुदेवहिण्डी 1/34 9. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.) जैन कथा साहित्य विविध रूपों में, पृ.-10 10. समराइच्चकहा, 4/246 11. वज्जालग्ग, गाथा 143 12. जैन, सागरमल (डॉ.), जैन, बौद्ध तथा गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन' पृ.-503-504 13. जैन, प्रेम सुमन (प्रो.) जैन धर्म और जीवन मूल्य, अध्याय पंचदश, पृ. 126 . 14. उपासकदशांग - आनन्द अधिकार एवं राजप्रश्नीय सूत्र - प्रदेशी अधिकार 15. दाणं पूजा मुक्खं सावय धम्मे य सावयातेण विणा कृ रयणसार 16. आचारांग प्रथम श्रुत, 8वाँ अध्ययन, 2 उद्देशक 17. भगवती सूत्र 8/6 18.. कार्तिकेयानुप्रेक्षा, गाथा 4-5 19. अभिधान राजेन्द्र कोष गा-103 (49)