________________ सन्दर्भ 1. ठाणांग 2 2. आइंस्टीन का पीड़ा तरंगों का सिद्धान्त (ई.पी.डब्ल्यू) भी इस बात की पुष्टि करता है। 3. उत्तराध्ययन सूत्र 28/14, तत्वार्थ सूत्र (1/4) में सात तत्व बताये गये हैं। जिनमें आश्रव में पुण्य पाप का समावेश कर दिया गया है। 4. शुभः पुण्यस्य - तत्वार्थ सूत्र 6/3 5. ठाणांग सूत्र स्थान-9 6. सच्चेसु वा अणवजं वयंति - सूत्रकृतांग सूत्र छठा अध्ययन। 7. धींग दिलीप (डॉ), बरगद के बीज', क्षणिका क्रम 3 8. अमोलक ऋषि (आचार्य), जैन तत्व प्रकाश, पृ.-350 1. आवश्यक-सूत्र 10. ऋग्वेद 7/32/21 11. उत्तराध्ययन सूत्र 30/8, वही 30/29-36 एवं भगवती सूत्र 25/7 : 12. आवश्यक नियुक्ति गाथा 240 13. कल्पसूत्र टीका 14. स्थानांग सूत्र 3/3/182 15. सूत्रकृतांग 1/8/25 16. आचारांग 2/1, उत्तराध्ययन सूत्र 30/25 व दशवैकालिक सूत्र 5वाँ पिण्डेषणा * : अध्ययन। 17. दशवैकालिक सूत्र, प्रथम 'द्रुमपुष्पिका' अध्ययन। 18. उत्तराध्ययन 32/10, आचारांग 2/15/396 19. मूलाराधना 3-228, 229, 231 व 232 20. पावं छिन्दइ जम्हा पायच्छितं ति भण्णइ तेण - पंचाशत सटीक विवरण 16/3 21, आत्मारामजी, आचार्य - श्री उत्तराध्ययनसूत्रम् प्रथम अध्याय। (251)