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________________ 5. कामभोग की तीव्र इच्छा : कामाग्नि में आकुल-व्याकुल होकर व्यक्ति अपना विवेक और सुधबुध खो देता है। व्रती को कामोत्तेजना को बढ़ाने वाली औषधियों व मादक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिये। जो व्यक्ति कामभोग की तीव्र अभिलाषा से बचता है वह अपनी जीवन-शक्ति, दीर्घजीविता और रचनात्मकता को बढ़ाता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि श्रावक के चौथे व्रत के अन्तर्गत सुन्दर समाज व्यवस्था, समर्थ सन्तति और चरित्रवान नागरिक निर्माण के सारे नियम मौजूद हैं। समाज की शान्ति और समृद्धि इस व्रत पर निर्भर करती है। लड़के का विवाह इक्कीस वर्ष की उम्र से पूर्व और लड़की का विवाह अठारह वर्ष की उम्र से पूर्व करना वर्तमान कानून की दृष्टि से निषिद्ध है। इस व्रत की दृष्टि से भी इसे निषिद्ध माना जाना चाहिये। बाल-विवाह, बेमेल-विवाह, वृद्ध-विवाह का निषेध भी इस व्रत के अन्तर्गत हो जाता है। विधवा-विवाह और विधुर-विवाह को भी प्रचलित सामाजिक परम्परा तथा व्यक्ति विशेष की परिस्थितियों के सन्दर्भ में देखा जाना चाहिये। व्रत का विधान स्त्री और पुरुष दोनों के लिए हैं। इसलिए प्रत्येक नियमउपनियम को समानता के सन्दर्भ में देखा जाना चाहिये। ये सारी बातें व्यक्ति और समाज की आर्थिक बेहतरी से सम्बन्धित है। 5. अपरिग्रह समाज और देश में आर्थिक समता की स्थापना और विषमता के निवारण में अपरिग्रह व्रत की युगान्तरकारी भूमिका रही है। यह व्रत भारतीय संस्कृति का साम्यवाद है और साम्यवाद से भी ज्यादा प्रभावशाली, निरापद और विकासोन्मुख है। श्रावक-सूत्र में इस व्रत का नाम परिग्रह परिमाण व्रत है। श्रावक एक करण तीन योग से परिग्रह की मर्यादा करता है। उपासकदशांग में इसका नाम इच्छापरिमाण व्रत है, जो अत्यन्त अर्थपूर्ण है। इच्छाएँ आकाश के समान अनन्त है। उनके परिमाण से जीवन में और संसार में सुखों की सृष्टि होती है। तीन प्रकार के परिग्रह - कर्म, शरीर और बाहरी में से यहाँ मुख्यतः बाहरी परिग्रह पर विशेष विमर्श अभिप्रेत है। इच्छाओं के परिसीमन के लिए बाहरी परिग्रह का परिसीमन भी आवश्यक है। उपासकदशांग में यह परिग्रह सात प्रकार का और आवश्यक सूत्र में यह नौ प्रकार का बताया गया है - (184)
SR No.004281
Book TitleJain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDilip Dhing
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2007
Total Pages408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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