________________ 21. आत्माराम, आचार्य, श्री उपासकदशांग सूत्रम् (1/35), पृ.-102 22. बहत्कल्पभाष्य 2.3301 23. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.), जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ.-123 24. आचारांग सूत्र 2/1/8.45, व्याख्याप्रज्ञप्ति 7/3/5 एवं प्रज्ञापना 1/23.31 25. उच्छु-जव-सालि-कलिया - औपपातिक सूत्र 1 26. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.), जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ.-125. 27. वही पृ.-126 28. सूत्रकृतांग 6.18, प्रज्ञापना 1.23, उत्तराध्ययन 19.52 29. जैन, जगदीशचन्द्र (डॉ.), जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ.-127 30. ज्ञाताधर्मकथांग 7/20 31. बहत्कल्पभाष्य 2.3 32. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र 14/7/51 33. कौटिलीय अर्थशास्त्र 25/41 34. अनुयोगद्वार सूत्र 144, 132 35. ज्ञाताधर्मकथांग 7/6 36. व्यवहार भाष्य 6/204 37. रायप्पसेणीय सूत्र-82 एवं ज्ञाताधर्मकथांग 7/19 38. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र 14/7/7 39. ज्ञाताधकथांग 7/15 40. प्रश्नव्याकरण 1/17, 18 व 28 41. पिण्डनियुक्ति गाथा 118 42. जैन, कमल (डॉ.) प्राचीन जैन साहित्य में आर्थिक जीवन, पृ.-45 43. अभयदेव (आचार्य), उपासकदशांग टीका, पृ.-39 (102)