________________ पंचास्तिकाय संग्रह कुन्दकुन्दाचार्य विरचित 1. इंदसदवंदियाणं तिहुवणहिदमधुरविसदवक्काणं / अंतातीदगुणाणं णमो जिणाणं जिदभवाणं // 1 // 2. समणमुहुग्गदमटुं चदुग्गदिणिवारणं सणिव्वाणं / एसो पणमिय सिरसा समयमिणं सुणह वोच्छामि // 2 // 3. समवाओ पंचण्हं समउ त्ति जिणुत्तमेहिं पण्णत्तं / सो चेव हवदि लोगो तत्तो अमओ अलोगो खं // 3 // 4. जीवा पोग्गलकाया धम्माधम्मा तहेव आगासं / अत्थित्तम्हि य णियदा अणण्णमइया अणुमहंता // 4 // 5. जेसिं अत्थिसहाओ गुणेहिं सह पज्जएहिं विविहेहिं / ते होंति अत्थिकाया णिप्पण्णं जेहिं तइलोक्कं // 5 // 6. ते चेव अत्थिकाया तिक्कालिय भावपरिणदा णिच्चा / गच्छंति दवियभावं परियट्टणलिंगसंजुत्ता // 6 // 7. अण्णोण्णं पविसंता देंता ओगासमण्णमण्णस्स / मेलंता विय णिच्चं सगं सभावं ण विजहंति // 7 //