________________ यशोवर्मचरितम् अत्थि णिअत्तिअ-णीसेस-भुवण-दुरिआहिणंदिअ-महिंदो / सिरि-जसवम्मो त्ति दिसा-पडिलग्ग-गुणो महीणाहो // 99 / / घोलइ समुच्छलती जम्मि चलंतम्मि रेणु-भावेण / वसुहा अमुक्क-सेस-प्फण व्व धवलाअवत्तेसु // 100 / / वेहव्व-दुक्ख-विहलाण जस्स रिउ-कामिणीण पम्मुक्का / कर-ताडण-भीएहिँ व हारेहिँ पओहरुच्छंगा / / झ।। कबरी-बंधा अज्ज वि कुडिला ते जस्स वेरि-बंदीण / हढ-कड्डण-खुत्तंगुलि-णिवेस-मग्ग व्व दीसंति // चलिअम्मि जम्मि विअणा-विहुअ-फणा-मंडलो वि णो मुअइ। . महि-वेढं बल-भर-खुत्त-रअण-संदाणिअं सेसो // 101 // णीसंदइ जस्स रणाइरेसु कीलालिओ गअ-मएण। आहअ-वम्माणल-दर-विराअ-धारो व्व कर-वालो // 102 // सेवंजलि-मिलिअ-णडाल-मंडला होति हढ-पणामेसु / मिअ-भिउडी-भंग व्व जस्स पडिवक्ख-सामंता // 103 / /