________________ भाषाटीकासमेत। (45) गुडेनटंकणक्षारसेव्यमानहिसत्वरम् // गुल्मोदरमहन्थिसबोहरतिदुस्तरम् // 14 // भाषाटीका // गुडके संग सुहागौ और जवाखार कौ सेवन करै जल्दीसो वो पेट को गोला वा बडी जंगी गांठ को जल्दीसो असाध्यकोभी हरे // 14 // अथ लवणभास्करचूर्णम् // त्रिकटुपिप्पलीमूलमेलालवणपंचकम् // नागकेसरसंयुक्तंखैरसारंतथैवच // 15 // चित्राजाजीयुतंचूर्णसमारसेनच // निम्बूरसेनतद्भाव्यवातहद्वह्निदीपनम् // 16 // भाषाटीका // सौंठ मिर्च पीपल पीपलामूल इलायची पांचों नॉन नागकेशर वाके संग खैरसार // 15 // चित्रक जोरैके युत चूर्ण कर अदरखके रसमें मर्दन कर फिर नीबूके रसको वाको भावना देकर खाय तौ वादीको दूर करे अनिको बढावे और दीपन है // 16 // अथ मन्दाग्निहा गुटिका // हिंगुलंटंकणनागमरिचमृतरूप्यकम् // पत्रतोयेनचूर्णस्यमुद्गमानमितागुटी // 17 // . कासश्वासेकफेशीतेशीताङ्गज्वरशान्तये // मंदाग्निगुल्मवातेवाप्रशस्तागुटिकोत्तमा // 18 // भाषाटीका // हींग सुहागौ तेलीया मीठौ मिर्च रूप