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________________ परिणामों से बच जाना धर्म का उद्देश्य नहीं है। यह हो सकता है कि आज किसी व्यक्ति ने धर्म की आराधना प्रारम्भ की, वह अतीत के प्रति जागरूक बन गया, अतीत में जो भण्डार भरा था, उसके प्रति इतना जागरूक हो गया कि वह उसे प्रभावित कर सकेगा। अतीत के संस्कारों के उदय में उसने एक रुकावट पैदा कर दी। धर्म की आराधना का अर्थ है वर्तमान के प्रति जागरूक रहना। वर्तमान में जागरूक रहने वाला व्यक्ति एक प्रतिरक्षा पंक्ति खड़ी कर देता है और तब वह अतीत के संस्कारों के प्रभाव से बच जाता है। शरीर रोग से बचता है तो वह दवाइयों से नहीं बचता। वह अपनी प्रतिरक्षा पंक्ति से बचता है। हमारे शरीर में एक प्रतिरक्षा पंक्ति है, जो रोग के कीटाणुओं से लड़ती रहती है। पूरा शरीर रोग के कीटाणुओं में भरा पड़ा है। वे उसी में पल रहे हैं, पुष्ट हो रहे हैं। फिर प्रश्न होता है कि आदमी स्वस्थ कैसे रह पाता है? शरीर में कीटाणु हैं, फिर भी हम स्वस्थ इसलिए रह पाते हैं कि शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति होती है। वह एण्टीबॉडी है। वह प्रतिशरीर रोग से बचाता है, कीटाणुओं को समाप्त करता है। उनके आक्रमण को विफल बना देता है। यदि यह प्रतिरोधात्मक शक्ति नहीं होती, यदि यह प्रतिशरीर की प्रक्रिया नहीं होती तो कभी आदमी बिस्तर को छोड़ ही नहीं सकता। हम ध्यान का प्रयोग करते हैं, धर्म की आराधना करते हैं तो इसका अर्थ है कि हम संस्कार के सामने प्रतिसंस्कार पैदा कर रहे हैं। जो कर्म का खजाना हमें प्रभावित करता है, जो संस्कार हमें प्रभावित कर रहे हैं, उनके समक्ष ऐसी प्रतिरोधात्मक पंक्ति खड़ी कर देते हैं कि हम संस्कारों के प्रहारों से बच जाते हैं। यह है धर्म का परिणाम और ध्यान का परिणाम। हम इस तथ्य को विस्मृत कर कह देते हैं कि धार्मिक जीवन में वह विपत्ति क्यों आयी? अरे, धार्मिक कौन-सा बड़ा आदमी है? ध्यान करने वाला कौन-सी तीसरी दुनिया से आया हुआ है? आज धर्म करने वाला या ध्यान करने वाला भी अतीत से बंधा हुआ है। न जाने अतीत में उसने क्या-क्या किया था! अपराध का चित्त उसमें विद्यमान था। कितने लोगों के जीवन में उसने कितने प्रकार के विघ्न पैदा किए थे। बाधाएं डाली थीं। आज यदि उसके जीवन 226 कर्मवाद
SR No.004275
Book TitleKarmwad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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