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________________ स्वभाव को और व्यवहार को असंतुलित तथा असामान्य बनाते हैं। इसी कारण की श्रृंखला में एक महत्त्वपूर्ण कारण है 'जीन'। यह माना जाता है कि जब शिशु का निर्माण होता है, तब क्रोमोसोम की श्रृंखला में जो 'जीन' होते हैं, उनमें कोई गड़बड़ी हो जाती है तो बच्चा प्रारंभ से ही अपराधी मनोवृत्ति वाला हो जाता है, वह असामान्य आचरण करने लग जाता है। 'जीन' का सूत्र है-एक्स, वाई, वाई। यदि एक वाई अधिक हो जाती है तो असंतुलन पैदा हो जाता है और बच्चा अपराधी बन जाता है। ___जेनेटिक इंजीनियरिंग के सिद्धांत के अनुसार वैज्ञानिकों ने मनुष्य के स्वभाव और आचरण की महत्त्वपूर्ण व्याख्याएं की हैं। उसके आधार पर सामान्य और असामान्य व्यवहार और आचरण को समझने में सुविधा हुई है। वैज्ञानिक 'जीन' के परिवर्तन के सूत्र की खोज में लगे हुए हैं। जानवरों की नस्ल को सुधारने में वैज्ञानिकों को सफलता मिली है। आज वे मनुष्य की नस्ल को सुधारने के सूत्र की खोज कर रहे हैं। - 'जीन' भी एक कारण है। यह चौथा कारण है। पांचवां कारण है-रासायनिक परिवर्तन। रासायनिक परिवर्तन होने पर आदमी का आचरण बदल जाता है। नाड़ी संस्थान और ग्रन्थितन्त्र के स्रावों का परिवर्तन होने पर मनुष्य के व्यक्तित्व में परिवर्तन हो जाता है। - एक अहिंसक व्यक्ति है। उसमें रासायनिक परिवर्तन होता है और वह हिंसा में विश्वास करने लग जाता है। वह हत्यारा बन जाता है। एक हत्यारा और डाकू साधु पुरुष बन जाता है। वह संत का जीवन * जीने लग जाता है। यह परिवर्तन कैसे होता है? संत डाकू कैसे बन जाता है. और डाकू संत कैसे बन जाता है? यह आश्चर्यकारी बात है। पर ऐसा होता है और उसका मुख्य कारण है रासायनिक परिवर्तन। रासायनिक परिवर्तन के आधार पर आदमी इतना बदल जाता है कि उसकी पहचान भी नहीं हो पाती। आदमी असमंजस में पड़ जाता है और सोचता है क्या यह वही आदमी है, जिसके साथ मैं पांच वर्ष पूर्व रहा था? 'सः एवायं', यह नहीं कहा जा सकता। नया व्यक्तित्व सामने आ जाता है। पर्दे की पीछे कौन? 203
SR No.004275
Book TitleKarmwad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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