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________________ अब प्रश्न होता है कि नीचे गिराने में कौन उत्तरदायी है? क्या पूछने वाला उत्तरदायी है अथवा उत्तर देने वाला उत्तरदायी है? यह एक जटिल प्रश्न है। प्रत्येक आचरण और व्यवहार में प्रश्न उभरता है कि उत्तरदायी कौन? यदि उत्तरदायी का स्पष्ट निर्णय हो जाता है तो अनेक समस्याओं का समाधान प्राप्त हो जाता है। उत्तरदायी के निर्णय में भिन्न-भिन्न व्यक्ति भिन्न-भिन्न प्रकार से सोचते हैं, कहते हैं। मनोवैज्ञानिक कहेगा कि व्यवहार के विषय में उत्तरदायी है आनुवंशिकता, वातावरण और परिस्थिति। समूचे व्यवहार और आचरण के लिए ये तीन तत्त्व उत्तरदायी नहीं हैं। आदमी का कोई उत्तरदायित्व नहीं है। प्रस्तुत प्रसंग में 'लड्डू कितने बड़े हैं'-'यह. प्रेरक तत्त्व उत्तरदायी है। ___रसायनशास्त्री कहेगा कि हमारे आचरण के लिए उत्तरदायी हैं शरीरगत केमिकल्स, रसायन। नाड़ीतन्त्र और ग्रन्थितन्त्र में पैदा होने वाले रसायन उत्तरदायी हैं। आदमी का उत्तरदायित्व समाप्त हो गया। इसीलिए अनेक लोग कहते हैं-व्यक्ति क्या करे? उसका कोई अस्तित्व ही नहीं बचता / रसायन उसे जैसे चलाते हैं, वैसे ही वह चलता है। ईश्वरवादी कहते हैं-ईश्वर की इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता। सारा उत्तरदायित्व आता है ईश्वर पर। धार्मिक व्यक्ति कहता है-आचरण और व्यवहार का पूरा दायित्व है कर्म पर। कर्म उत्तरदायी है। . कुछ दार्शनिक कहते हैं-काल उत्तरदायी है। कुछ कहते हैं-स्वभाव उत्तरदायी है और कुछ कहते हैं-नियति उत्तरदायी है। इस प्रकार पांच मुख्य दार्शनिक धारणाएं हैं-कालवाद, स्वभाववाद, ईश्वरवाद, नियतिवाद और कर्मवाद। पांचों पांच भिन्न-भिन्न तत्त्वों को उत्तरदायी मानते हैं। - कालवादी कहता है, काल के बिना कुछ भी नहीं हो सकता। सब कुछ काल करता है। जब काल का परिपाक होता है, तब सब कुछ घटित हो जाता है। आज का जन्मा बच्चा आज ही विद्वान्, योद्धा या व्यापारी नहीं बन जाता। जैसे-जैसे काल बीतेगा, उसमें ये योग्यताएं अभिव्यक्त होती जाएंगी। प्रत्येक कार्य का कर्तृव्व काल में निहित है। उत्तरदायी कौन? 145 .
SR No.004275
Book TitleKarmwad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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