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________________ अपर्याप्ता SRISTIBE जीव विचार प्रकरण 18RITESTERS 124 द्वितीय उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 125 . द्वितीय उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता 126 द्वितीय उत्तरकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 127 तृतीय उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 128 , तृतीय उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता 129 तृतीय उत्तरकुरु क्षेत्र संमूर्च्छिम अपर्याप्ता 130 / चतुर्थ उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 131 चतुर्थ उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज . अपर्याप्ता 132 चतुर्थ उत्तरकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 133 : पंचम उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज। * पर्याप्ता 134 पंचम उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज : अपर्याप्ता 135 पंचम उत्तरकुरु क्षेत्र संमूर्छिम हिमवंत पर्वत पर स्थित 28 अन्तीपज मनुष्यों के 84 भेद 136 एकोरुक अन्तर्वीप, गर्भज पर्याप्ता 137 एकोरुक अन्तर्वीप .. गर्भज अपर्याप्ता 138 —एकोरुक अन्तर्वीप संमूर्छिम . अपर्याप्ता 139 अभासिक अन्तीपः गर्भज पर्याप्ता अभासिक अन्तर्वीप अपर्याप्ता अभासिक अन्तर्वीप संमूर्छिम अपर्याप्ता वैषाणिक अन्तर्वीप गर्भज / पर्याप्ता 143. वैषाणिक अन्तर्वीप गर्भज अपर्याप्ता वैषाणिक अन्तर्वीप संमूर्छिम अपर्याप्ता 145 लांगूलिक अन्तर्वीप गर्भज पर्याप्ता 146 लांगूलिक अन्तर्वीप गर्भज अपर्याप्ता 147 लांगूलिक अन्तर्वीप संमूर्च्छिम अपर्याप्ता गर्भज 14 //
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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