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________________ 0 105 7 जीव विचार प्रकरण 88888 99 तृतीय रम्यक् क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 100 चतुर्थ रम्यक् क्षेत्र गर्भज / पर्याप्ता चतुर्थ रम्यक् क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता चतुर्थ रम्यक् क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता पंचम रम्यक् क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 104 पंचम रम्यक् क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता पंचम रम्यक् क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 106 प्रथम देवकुरु क्षेत्र . गर्भज पर्याप्ता 107 प्रथम देवकुरु क्षेत्र गर्भज . अपर्याप्ता 108 प्रथम देवकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 109 द्वितीय देवकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 110 द्वितीय देवकुरु क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता 111 द्वितीय देवकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 112 तृतीय देवकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 113 . तृतीय देवकुरु क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता 114 , तृतीय देवकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 115 : चतुर्थ देवकुरु क्षेत्र गर्भज 116 चतुर्थ देवकुरु क्षेत्र गर्भज अपर्याप्ता 117 चतुर्थ देवकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 118 पंचम देवकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 119 पंचम देवकुरु क्षेत्र / गर्भज अपर्याप्ता 120 पंचम देवकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता 121 प्रथम उत्तरकुरु क्षेत्र गर्भज पर्याप्ता 122 प्रथम उत्तरकुरु क्षेत्र . गर्भज / अपर्याप्ता 123 प्रथम उत्तरकुरु क्षेत्र संमूर्छिम अपर्याप्ता पर्याप्ता ..
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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