________________ SHITTARIHIT जीव विचार प्रकरण विशेष विवेचन प्रस्तुत गाथा में पंचेन्द्रिय तिर्यंच के प्रकारों का वर्णन हैं। पृथ्वीकाय, अप्काय, तेउकाय, वायुकाय और वनस्पतिकाय ये पांचों स्थावर एकेन्द्रिय . हैं। द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय विकलेन्द्रिय हैं। पांच इन्द्रियों वाले तिर्यंच के तीन भेद होते हैं (1) जलचर (2) स्थलचर (3) खेचर, मछली, मगरमच्छ, घडियाल इत्यादि जलचर जीव हैं। . . . संज्ञी पंचेन्द्रिय जलचर चित्र : जलचर जीवों के भेद स्थलचर तियच के प्रकार गाथा चउपय उरपरिसप्पा भुयपरिसप्पा य थलयरा तिविहा गो-सप्प नउल पमुहा बोधव्वा ते समासेणं // 21 // अन्वय थलयरा तिविहा चउपय उरपरिसप्पा य भुयपरिसप्पा ते समासेणं गो सप्प नउल पमुहा बोधव्वा // 21 // संस्कृत छाया चतुष्पदा उरःपरिसर्पभुजपरिसाश्च स्थलचरास्त्रिविधा / गो सर्प नकुल प्रमुखा बोधव्यास्ते समासेन // 21 //