________________ SHRESTHENDE जीव विचार प्रकरण ATTISTER पृथ्वीकाय, अप्काय, तेउकाय एवं वायुकाय इन चारों का शरीर सूक्ष्म होने पर भी प्रत्येक ही होते है अर्थात् एक शरीर में एक ही जीव होता है जब कि साधारण वनस्पतिकायिक जीवों का शरीर सूक्ष्म होने के साथ उसके एक शरीर में अनन्त जीव निवास करते हैं। अन्तर्मुहूर्त का अर्थ - एक घडी में चौबीस मिनट होते हैं और दो घडी का एक मुहूर्त होता है। अन्तर्महत - 2 समय से लगाकर 48 मिनट में से एक समय कम / जघन्य अन्तर्मुहूर्त - 2 समय से 9 समय तक जघन्य अन्तर्मुहूर्त कहलाता है। मध्यम अन्तर्मुहूर्त - 10 समय से लेकर 48 मिनट में से दो समय न्यून मध्यम अन्तर्मुहूर्त कहलाता है। उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त - 48 मिनट में से एक समय न्यून होने पर उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त कहलाता है। इन पांचों सूक्ष्म जीवों का आयुष्य मध्यम अन्तर्मुहूर्त का होता है एवं कम से कम आयुष्य 256 आवलिका का होता है। इन स्थावर जीवों में पृथ्वीकाय, अप्काय, तेउकाय,वायुकाय एवं साधारण वनस्पतिकाय, इन पांचों के सूक्ष्म-बादर एवं पर्याप्ता अपर्याप्ता की अपेक्षा से कुल 20 भेद होते हैं। प्रत्येक वनस्पतिकाय सूक्ष्म नहीं होने से बादर पर्याप्ता एवं अपर्याप्ता की अपेक्षा से दो भेद होते हैं। इस प्रकार पांच स्थावरकाय के कुल 22 भेद होते हैं। स्थावर जीवों के 22 भेद पृथ्वीकाय सूक्ष्म पर्याप्ता पृथ्वीकाय सूक्ष्म अपर्याप्ता पृथ्वीकाय . बादर पर्याप्ता पृथ्वीकाय अपर्याप्ता सूक्ष्म पर्याप्ता सूक्ष्म अपर्याप्ता बादर अप्काय अप्काय