________________ जीव विचार प्रकरण ARREARS (6) पर्वगा - ईख, बांस आदि की गांठें, जो बोने से उगे। .. (7) तृण - डाभ आदि / (8) वलय - केला, सुपारी, केवडा, खजूर आदि वलय वाले वृक्ष / (9) हरित - धनिया आदि शाक भाजी / (10) औषधि - गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि। (11) जलरुह - कमल, सिंघाडे आदि पानी में उत्पन्न होनेवाली अनेक प्रकार की वनस्पतियाँ। (12) कुहुणा - वर्षा ऋतु में पैदा होने वाली छत्राकार प्रत्येककायिक वनस्पतियाँ / किसी भी वनस्पति के दस भाग होते हैं - (1) मूल - जड (2) स्कन्ध (3) थड (4) छाल (5) शाखा (6) काष्ठ (7) पत्र (8) पुष्प (9) फल (10) बीज सूक्ष्म जीवों की व्यापकता गाथा ...... पत्तेय-तरूं मुत्तुं पंचवि पुढवाइणो सयललोए / सुहुमा हवंति नियमा अंतमुहुत्ताऊ अहिस्सा // 14 // अन्वय . पत्तेय-तरुं मुत्तुं पंचवि पुढवाइणो अंतमुहुत्ताउ सुहुमा अहिस्सा सयललोए नियमा हवंति // 14 // संस्कृत छाया प्रत्येक तरुं मुक्त्वा पंचापि पृथिव्यादयः सकललोके / सूक्ष्मा भवन्ति नियमादन्त मुहूर्तायुषऽद्दश्या : // 14 // शब्दार्थ पत्तेय - प्रत्येक | तरुं - वृक्ष को (वनस्पतिकाय) मुत्तुं - छोडकर पंचवि - पांचों ही पुढवाइणो - पृथ्वीकाय आदि | सयल - सकल, समस्त