________________ STARTEREST जीव विचार प्रकरण METHEROERIES शब्दार्थ कोमल-कोमल, मुलायम फलं - फल च -और सव्वं -सब (प्रकार के) गूढ - गुप्त सिराई - नसों (वाले) . सिणाइ - सन आदि (के). पताईं- पत्ते आदि थोहरि - थोहर कुंआरि - घी कुंआर गुग्गुलि - गुग्गल गलोय - गलोय .. पमुहाइ - प्रमुख आदि छिन्नरुहा - काटने पर भी बोने से उगे भावार्थ सब प्रकार के कोमल फल, गुप्त नसों वाले सन आदि के पत्ते और काटने पर बो देने पर उगे थोहर, घी कुंआर, गुग्गल, गलोय आदि प्रमुख वनस्पतियाँ साधारण वनस्पतिकायिक जीवों के भेद हैं // 10 // विशेष विवेचन गाथा संख्या नौ एवं दस में साधारण वनस्पतिकायिक जीवों के कुछ प्रसिद्ध भेद प्रस्तुत किये गये हैं। शास्त्रों में 32 प्रकार के साधारण वनस्पतिकायिक जीवों का वर्णन हैं। इसके अलावा भी बहुत से अप्रसिद्ध साधारण वनस्पतिकायिक जीव हैं। साधारण वनस्पतिकायिक को अनन्तकाय एवं निगोद भी कहा जाता है / कोमल फल साधारण वनस्पतिकाय है / साधारण वनस्पतिकायिक की यह विशेषता होती है कि उसके किसी भाग को काटकर बो देने पर भी उग जाता है / गिलोय आदि को काटकर अधर लटका देने पर भी अंकुरित हो जाते हैं। साधारण वनस्पतिकायिक जीवों के भेद एवं लक्षण गाथा इच्चाइणो अणेगे हवंति भेया अणंतकायाणं / तेसिं परिजाणणत्थं लक्खण-मेयं सुए भणियं // 11 //