________________ PARTMEETE जीव विचार प्रकरण HTTERESTINGS अप्कायिक जीवों के भेद गाथा भोमंतरिक्खमुदगं ओसा हिम करग हरितणू महिया / हुंति घणोदहिमाई भेया णेगा य आउस्स // 5 // अन्वय भोम-अंतरिक्खं-उदगं ओसा हिम करग हरितणू महिया य घणोदहिमाई आउस्स (अ) णेगा भेया हुंति // 5 // संस्कृत छाया भौमांतरीक्षमुदकमवश्यायो हिम करको हरितनूर्महिका / भवन्ति घनोदध्यादयो भेदा अनेके चाप्कायस्य // 5 // शब्दार्थ भोमं - भूमि का अंतरिक्खं - आकाश का (वर्ष का) उदगं - पानी .. ओसा - ओस हिम - बर्फ . करग - ओले हरितणू - हरी वनस्पतियों के उपर महिया - कोहरा, जल के छोटे-छोटे कण, फूटकर निकला हुआ पानी जो बादलों से गिरते हैं। . हुंति- होते हैं घणोदहि - घनोदधि माई (आई)- आदि भेया - भेद (अ) णेगा - अनेक य- और आउस्स - अप्काय, पानी के - भावार्थ भूमि और आकाश का पानी, ओस, बर्फ, ओले, हरी वनस्पतियों के उपर फूटकर निकला हुआ पानी, कोहरा, घनोदधि आदि अनेक जलकायिक जीवों के भेद है // 5 //