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________________ SASTERSSENSE जीव विचार प्रश्नोत्तरी SEASESSIONSISTOR तक जानते हैं। 515) देवों में कितने समुद्घात पाये जाते हैं ? उ. पांच समुद्घात - 1) वेदना 2) कषाय 3) मरण 4) वैक्रिय 5) तैजस। . 516) देवों में कितने दर्शन पाये जाते हैं ? उ. देवों में मिथ्यादर्शन, मिश्रदर्शन और सम्यक्दर्शन रूप तीनों दर्शन पाये जाते हैं। परमाधामी देव मिथ्यात्वी ही होते हैं / अनुत्तर वैमानिक देव सम्यक्त्वी ही होते हैं। शेष देवों में तीनों दर्शन पाये जाते हैं। 517) देवों में कितनी दृष्टियाँ पायी जाती हैं ? उ. दो दृष्टियाँ- 1) दीर्घकालिकी 2) दृष्टिवादोपदेशिकी। 518) देवों में कितने आहार पाये जाते हैं ? उ. दो आहार-१) ओजाहार 2) लोमाहार। . 519) एक समय में कितने देवता उत्कृष्ट रूप से जन्म लेते हैं अथवा मरते उ. भवनपति, व्यंतर, वाणव्यंतर, ज्योतिष्क, नवलोकान्तिक, किल्बिषिक, तिर्यग्नुंभक, सौधर्म से सहस्रार देवलोक तक एक समय में उत्कृष्ट रूप से असंख्यात अथवा संख्यात देव जन्म लेते हैं और सहस्रार से उपर देव एक समय में संख्यात देव जन्म लेते हैं और मरते हैं। 520) देवों में उपपात एवं च्यवन का विरहकाल कितना होता हैं ? उ. 1) भवनपति, व्यंतर, ज्योतिष्क 24 मुहूर्त एवं पहला-दूसरा देवलोक 2) सनत्कुमार देवलोक 9 दिवस 20 मुहूर्त 3) माहेन्द्र देवलोक / 12 दिवस 10 मुहूर्त 4) ब्रह्मलोक देवलोक 22 दिवस 15 मुहूर्त 5) लान्तक देवलोक 1 माह 15 दिवस 6) महाशुक्र देवलोक 2 माह 20 दिवस
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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