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________________ टर्न PATRIOTI जीव विचार प्रश्नोत्तरी 10T RANS 9) संमूर्छिम खेचर अंगुल का असंख्यातवां भाग दो से नौ धनुष्य 10) गर्भज खेचर अंगुल का असंख्यातवां भाग दो से नौ धनुष्य पंचेन्द्रिय अपर्याप्ता गर्भज एवं संमूर्छिम तिर्यंचों की अवगाहना अंगुल के असंख्यातवें भाग जितनी होती है। 362) पंचेन्द्रिय तिर्यंच जीवों का आयुष्य कितना होता हैं ? उ. पंचेन्द्रिय तिर्यंच जघन्य उत्कृष्ट 1) संमूर्छिम जलचर अन्तर्मुहूर्त करोड पूर्व 2) गर्भज जलचर अन्तर्मुहूर्त करोड पूर्व 3) संमूर्छिम चतुष्पद अन्तर्मुहूर्त चौरासी हजार वर्ष 4) गर्भज चतुष्पद * अन्तर्मुहूर्त तीन पल्योपम 5) संमूर्छिम उरपरिसर्प अन्तर्मुहूर्त तिरपन हजार वर्ष 6) गर्भज उरपरिसर्प अन्तर्मुहूर्त करोड पूर्व 7) संमूर्छिम भुजपरिसर्प , अन्तर्मुहूर्त बयालीस हजार वर्ष 8) गर्भज भुजपरिसर्प अन्तर्मुहूर्त करोड पूर्व 9) संमूर्छिम खेचर अन्तर्मुहूर्त बहत्तर हजार वर्ष 10) गर्भज खेचर अन्तर्मुहूर्त पल्योपम का असंख्यातवां भाग 363) पंचेन्द्रिय तिर्यंचों की स्वकाय स्थिति कितनी होती हैं ? उ. सात या आठ भव। . . 364) पंचेन्द्रिय तिर्यंच में कितने प्राण पाये जाते हैं ? उ. संमूर्छिम पंचेन्द्रिय तिर्यंच जीवों में पांच इन्द्रियाँ (स्पर्श-रसन-घ्राण-चक्षु-श्रोत), दो बल (वचन-काय बल), श्वासोच्छ्वास और आयुष्य रूप नौ प्राण पाये जाते हैं और गर्भज पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में इन नव प्राणों के अतिरिक्त दसवां मनोबल प्राण भी पाया जाता हैं। 365) पंचेन्द्रिय तिर्यंच जीवों की कितनी योनियाँ होती हैं ? उ. चार लाख योनियाँ।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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