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________________ SHREST जीव विचार प्रश्नोत्तरी SITERATION 235) प्रत्येक नरक में कितने-२ नरकावास हैं ? उ. पहली नरक में तीस लाख, दूसरी नरक में पच्चीस लाख, तीसरी नरक में पन्द्रह लाख, चौथी नरक में दस लाख, पांचवीं नरक में तीन लाख, छट्ठी नरक में निन्यानवें हजार नौ सौ पिच्यानवें, सातवीं नरक में पांच नरकावास हैं / इस प्रकार सातों नरकों में कुल चौरासी लाख नरकावास हैं। 236) प्रथम नरक में कौनसा नरकावास हैं ? वह कितने योजन प्रमाण का उ. प्रथम नरक में सीमन्तक नामक नरकावास है जो पैंतालीस लाख योजन प्रमाण का 237) सबसे बडा नरकावास कौनसा है ? उ. पहली नरक में स्थित सीमन्तक नामक नरकावास है। 238) अप्रतिष्ठान नामक नरकावास कितने योजन प्रमाण का हैं ? उ. एक लाख योजन प्रमाण का। 239) सातवीं में स्थित पांच नरकावासों के नाम बताओ ? उ. 1) पूर्व दिशा में काल 2) पश्चिम दिशा में महाकाल 3) दक्षिण दिशा में रौरव (रोसक) 4) उत्तर दिशा में महारौरव (महारोसक) 5) चारों के मध्य में अप्रतिष्ठान / 240) नरक और नारकी में क्या अन्तर हैं ? उ. कठोर पाप कर्म करने वाले जीव जिन स्थानों पर उन कर्मों का अशुभ फल भोगने के लिए पैदा होते हैं, उसे नरक कहते हैं। नरक स्थान है और उस स्थान विशेष में रहने वाले जीवों को नारकी कहा जाता है। 241) पाथडा किसे कहते है ? उ. नरक के एक परदे (दीवार) के पश्चात् जो स्थान होता हैं, उसे प्रतर या पाथडा कहते है। 242) आन्तरा किसे कहते है ? उ. एक प्रतर से दूसरे प्रतर के बीच जो स्थान होता है, उसे आन्तरा (अन्तर) कहते है।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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