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________________ RETIREYISSIONISTEN जीव विचार प्रश्नोत्तरी NEETIRETRIES 230) सातों नरक पृथिवियों के नामकरण की विशेषता बताओ? उ. प्रथम रत्नप्रभा नरक में रत्नों की, दूसरी शर्कराप्रभा नरक में कंकर की, तीसरी वालुकाप्रभा नरक में रेती/मिट्टी की, चौथी पंकप्रभा नरक में पंक/कीचड की, पांचवीं धूमप्रभा नरक में धुएं की, छट्ठी तमःप्रभा नरक में अंधकार की, सातवीं तमस्तमः प्रभा नरक में गाढे/घने अंधकार की प्रधानता/बहुलता होती है / अतः इस प्रकार नरकों का नामकरण किया गया। 231) नरक के गोत्रों के नाम बताईए ? उ. क्रमशः सातों नरक पृथिवियों के गोत्रों के नाम 1) धम्मा 2) वंशा 3) शेला ___ 4) अंजना 5) रिष्टा 6) मघा 7) माघवती। 232) सातों नरकों की लम्बाई एवं चौडाई बताईए ? उ. पहली नरक पृथ्वी एक राज, दूसरी नरक पृथ्वी दोराज, तीसरी नरक पृथ्वी तीन राज, चौथी नरक पृथ्वी चार राज, पांचवीं नरक पृथ्वी पांच राज, छट्ठी नरक पृथ्वी छह राज और सातवीं नरक पृथ्वी सात राज प्रमाण चौडी हैं। सातों नरकों की लम्बाई एकएक राज प्रमाण है। 233) सातों नरकों की मोटाई का प्रमाण क्या हैं ? उ. 1) प्रथम नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,80,000 योजन 2) द्वितीय नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,32,000 योजन 3) तृतीय नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,28,000 योजन 4) चतुर्थ नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,20,000 योजन 5) पंचम् नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,18,000 योजन 6) . षष्ठम् नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,16,000 योजन 7) सप्तम् नरक पृथ्वी की मोटाई - 1,08,000 योजन 234) नारकी जीवों के रहने के स्थान को क्या कहते हैं ? उ. नरकावास।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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