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________________ STERROREIT जीव विचार प्रश्नोत्तरी NARENDERERS 49) सांव्यवहारिक सूक्ष्म निगोद किसे कहते हैं ? . उ. एक जीव जब समस्त कर्मों का क्षय करके मोक्ष को प्राप्त करता है तब एक जीव अव्यवहार राशि से व्यवहार राशि में आता है। वह जीव मृत्यु पाकर पुनः सूक्ष्म निगोद में उत्पन्न हो जाये तो वह सांव्यवहारिक जीव कहलाता है। 50) असांव्यवहारिक सूक्ष्म निगोद किसे कहते हैं ? उ. वे जीव, जो अव्यवहार राशि से व्यवहार राशि में नहीं आयें हैं, अनादिकाल से सूक्ष्म निगोद में ही हैं, उन्हें असांव्यवहारिक जीव कहते हैं। . 51) निगोद के जीवों के भव बताईये। . उ. निगोद के जीव 1) एक श्वासोच्छ्वास में साढे सत्रह भव करते हैं। 2) एक मुहूर्त में 65,536 भव करते हैं। . 3) एक दिन में 19,66,080 भव करते हैं। 4) एक मास में 5,89,82,400 भव करते हैं। , 5) एक वर्ष में 70,77,88,700 भव करते हैं। 52) बादर जीव से क्या अभिप्राय है ? उ. जिस एक जीव का एक शरीर हो अथवा अनेक जीवों के अनेक शरीर एकत्र हो, उन्हें चर्मचक्षुओं से अथवा किसी यंत्र के द्वारा देखा जा सके, वे बादर जीव कहलाते हैं। ये जीव शस्त्र काटने से कट जाते हैं। इनका छेदन-भेदन होता है। अग्नि जला सकती है एवं पानी बहा सकता हैं। इनकी गति में रूकावट होती है और दूसरों की गति में रूकावट का कारण भी बनते हैं। 53) सूक्ष्म जीव से क्या अभिप्राय है ? उ. जिन जीवों का एक शरीर अथवा अनेक शरीर इकट्ठे होने भी चर्मचक्षु अथवा यंत्र के द्वारा दिखाई नहीं देते हैं, वे सूक्ष्म जीव कहलाते हैं / ये जीव संपूर्ण चौदह राजलोक में व्याप्त है। ये मनुष्य, तिर्यंच के हलन-चलन से, शस्त्र, अग्नि, जलादि से मृत्यु को प्राप्त नहीं होते हैं।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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