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________________ THIS जीव विचार प्रश्नोत्तरी RSS 43) निगोद के जीवों के कितने प्रकार होते हैं ? उ. निगोद के जीवों दो भेद हैं- 1) व्यवहार राशि वाले 2) अव्यवहार राशि वाले / 44) व्यवहार राशि के जीव किसे कहते हैं ? उ. जिन जीवात्माओं ने निगोद को छोडकर एक बार भी त्रस पर्याय प्राप्त की हो, वे व्यवहार राशि के जीव कहलाते हैं। 45) अव्यवहार राशि के जीव किसे कहते हैं ? उ. वे जीव, जो अनन्तकाल-अनादिकाल से निगोद में ही स्थित है. एक बार भी त्रसकायिक स्थिति को प्राप्त नहीं किया है, वे अव्यवहार राशि के जीव कहलाते हैं। 46) किसके प्रभाव से अव्यवहार राशि का जीव व्यवहार राशि में आता हैं ? उ. जब एक जीवात्मा सकल कर्मों का क्षय करके सिद्ध पद को प्राप्त करता है तब एक जीवात्मा अव्यवहार राशि में से व्यवहार राशि में आता है। 47) निगोद के जीवों की काय स्थिति कितने प्रकार की होती हैं ? उ. निगोद की काय स्थिति तीन प्रकार की होती हैं१) अनादि अनन्त - वे जीव, जो अनादिकाल से निगोद में ही हैं और निगोद से बाहर कभी निकलेंगे भी नहीं / जातिभव्य जीवों की स्थिति अनादि अनन्तकाल की होती 2) अनादि सांत - वे जीव, जो अनादिकाल से निगोद में ही हैं, निगोद से बाहर निकले नहीं हैं परन्तु भवितव्यता के अनुसार कभी न कभी जरूर बाहर निकलेंगे। - इसमें भव्य और अभव्य दोनों प्रकार के जीव होते हैं। 3) सादि सांत - वे जीव, जो एक बार त्रस पर्याय को प्राप्त हो चुके हैं परन्तु कर्म बंधन करके पुनः निगोद में चले गये हैं। एक बार त्रस पर्याय प्राप्त कर चुके हैं अतः उनकी सादि स्थिति है और वे कभी न कभी मोक्ष में जायेंगे अतः सान्त स्थिति है। भव्य जीव ही इस स्थिति को प्राप्त करते हैं। 48) सूक्ष्म निगोद के जीव कितने प्रकार के होते हैं ? उ. दो प्रकार के- 1) सांव्यवहारिक निगोद 2) असांव्यवहारिक निगोद /
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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