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________________ ENTERTISTISIS जीव विचार प्रश्नोत्तरी N RITTISTERS जीव विचार प्रश्नोत्तरी 1) चार प्रकरणों में से जीव विचार प्रकरण प्रथम स्थान पर क्यों रखा गया ? उ. नव तत्त्वों में जीव तत्त्व सबसे महत्त्वपूर्ण है / जीव तत्त्व के अलावा समस्त जगत चेतना रहित है। संसार में विविध प्रकार के जीव हैं, उनको जाने बिना अहिंसा का परिपूर्ण पालन नहीं हो सकता। अतः समस्त जीव सृष्टि को जानकर और उनके प्रति करुणा, समता का भाव रखकर ही व्यक्ति साधुता की साधना कर सकता है। अतः जीव तत्त्व के भेद-प्रभेद एव सार समझाने के लिए प्रस्तुत प्रकरण को प्रथम स्थान पर रखा गया। 2) जीव विचार प्रकरण के रचयिता कौन है ? उ. वादिवेताल आचार्य प्रवर श्री शान्तिसूरीश्वरजी म.सा.। 3) प्रकरणकार का परिचय प्रस्तुत कीजिये ? उ. श्री शान्तिसूरीश्वरजी म.सा. का जन्म गुजरात प्रांत में राधनपुर के निकट स्थित उण गाँव (जिला-बनासकांठा) में हुआ था। आपके पिता का नाम धनदेव और माता का नाम धनश्री था। पाटन में थारापद्रियगच्छीय विजयसिंहसूरि के पास संयम ग्रहण किया और शांतिभद्र मुनि के नाम से जाने-जाने लगे। बाद में शांतिसूरि के नाम से प्रसिद्ध हुए। धारा नगरी में वादियों पर विजय प्राप्त करने कारण राजा भोज ने 'वादिवेताल' बिरुद् प्रदान किया था। 4) जीव विचार प्रकरण पर किसने टीका रची ? ' उ. खरतरंगच्छीय वाचक मेघनंदनजी के शिष्य पाठक रत्नाकरजी ने सुखबोधिका नामक पहली टीका लिखी। दूसरी टीका महोपाध्याय समयसुंदरजी म.ने संवत् 1698 में अहमदाबाद में रची। तीसरी टीका 1850 में बीकानेर में खरतरगच्छीय श्री क्षमाकल्याणजी म. ने रची। 5) ग्रंथकार ने भगवान महावीर को किससे उपमित किया है ? उ. दीपक से।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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