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________________ समुद्घातों के नाम गाथा वेयण कसायमरणे, वेउवियतेयएय आहारे। केवलियसमुग्धाया, सत्तइमेहुतिसन्नीणं॥१६|| संस्कृत अनुवाद वेदनाकषायोमरणं, वैक्रियस्तैजसश्चाहारकः। केवलिकश्चसमुद्घाताः, सप्तेमे भवन्तिसंज्ञिनाम॥१६|| अन्वय सहित पदच्छेद वेयण कसाय मरणे, वेउवियतेयएयआहारे यकेवलिइमेसत्तसमुग्धायासन्नीणंहुंति॥१६|| शब्दार्थ वेदना-वेदना समुद्घात . . मरणे-मरण समुद्घात कसाय-कषाय समुद्घात वेउव्विय-वैक्रिय समुद्घात तेयए-तैजस समुद्घात य-और, तथा य-और, तथा समुग्घाया-समुद्घात आहारे-आहारक समुद्घात सत्त-सात केवलि-केवलि समुद्घात इमे-ये हुँति-होते हैं सन्नीणं-संज्ञि जीवों को गाथार्थ वेदना, कषाय, मरण, वैक्रिय तैजस, आहारक और केवलि समुद्घात है ये सात संज्ञि जीवों को होता हैं। / दंडक प्रकरण सार्थ (69) समुद्घातों के नाम
SR No.004273
Book TitleDandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Original Sutra AuthorGajsarmuni, Haribhadrasuri
AuthorAmityashsuri, Surendra C Shah
PublisherAdinath Jain Shwetambar Sangh
Publication Year2006
Total Pages206
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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