________________ टण्डक प्रकरण (ग) जम्बुद्वीप संग्रहणी Virupee प्रकाशकीय (सचित्र पम्बद्धाप श्री जैन श्रेयस्कर मंडल मेहसाणा द्वारा गुजराती प्रकाशित दंडक प्रकरण एवं श्री जम्बुदीप संग्रहणी प्रकरण का प्रकाशन हमारे संघ के द्वारा हिन्दी भाषामें प्रथमबार ही हो रहा है जिसका हमें परम आनंद है / समग्र जैन संघ में शायद इन प्रकरणोंका हिन्दीमें प्रकाशन प्रथमबार हो रहा है यह हमारे लिए गौरवप्रद बात है / हिन्दी भाषी विधार्थिओंको अभ्यास के . लिए हिन्दी प्रकाशनों की सुविधा बिलकुल नहीं है और न कोई इस दिशा में प्रयत्न भी करते हैं अतः श्री विजय लब्धिसूरि जैन धार्मिक पाठशाला बेंगलोर द्वारा हिन्दी भाषा में पाठशाला उपयोगी प्रकाशन हो रहे हैं एवं सभी उसका उपयोग कर कृतार्थ बन रहे हैं। . हमारी पाठशाला में 38-38 वर्षोंसे अध्यापन कार्य में लगे प्रधानाचार्य सुरेन्द्रभाई.सी. शाह को इस कार्य में अतीव रूची है / संघ में भी इस कार्य में पूर्ण उत्साह होता है अतः उन्होंने इस कार्यको हाथ में लिया। पूज्य दक्षिणकेशरी आ. देव श्री स्थूलभद्र सूरीश्वरजी म. सा. के शिष्यरत्न स्वाध्यायमन प्रशान्तमूर्ति आचार्यदेव श्री अमीतयश सूरीश्वरजी म.सा को हमने विनंति की, उन्होंने हिन्दी अनुवाद अत्यंत परिश्रम पूर्वक बेहद लागणीपूर्वक किया है। . पाठशाला द्वारा आगे भी पंचप्रतिक्रमण सार्थ - जीवविचार सार्थ. नवतत्त्व सार्थ आदि अनेक उपयोगी ग्रंथों का प्रकाशन सुरेन्द्रभाई सी. शाह ने संपादित कर प्रकाशित किये है। . आगे भी तीन भाष्य,कर्मग्रंथ आदि अभ्यासकीय ग्रंथ प्रकाशित करनेकी हमारी भावना है / शासन देव अवश्य पूर्ण करेंगे। कुछ चित्र जो पू. प्रवर्तक हरीशभद्र विजयजी म. सा. एवं श्री जैन तत्वज्ञान विद्यापीठ पूजा आदि से प्राप्त हए है हम उनके आभारी है। अग्रीम सहयोगी ज्ञान प्रेमी सज्जनों को तो कैसे भूल सकते हैं ? जिन्होंने अग्रीम सहयोग प्रदानकर अपनी ज्ञान भक्तिका परिचय दिया है ।इस अपूर्व प्रकाशन का भी संघमें अपूर्व स्वागत होगा। ऐसा हमारा विश्वास है। श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संघ ... श्री विजय लब्धिमूरि जैत धार्मिक पाठशाला चिकपेट, बेंगलोर