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________________ एक, 5 ज्योतिषी का एक, और +26 वैमानिक देवों का एक दंडक मिलकर 5 दंडक हैं। यह सभी मिलकर 24 दंडक होते हैं। प्रश्न :- दस भवनपति के दस दंडक गिनें और 16 व्यंतरों का, 5 ज्योतिषीओं का, 26 वैमानिकों का और 7 नरकों का एक-एक दंडक क्यों गिना ? तथा संमूर्छिम जीवों को दंडक के पदों में क्यो नहीं गिने ? उत्तर :- सिद्धान्त में पूर्वाचार्यों ने इस तरह से ही दंडक गिनती की है। इसलिए इस ग्रंथ में भी सिद्धान्त अनुसार दंडकों की संख्या बतायी गयी है। और सेन प्रश्न में भी कहा गया है कि “प्रश्न :- चतुर्विंशति दंडक मध्ये भवनाधिपानां दण्डक दशकं प्रोक्तमपरेषां व्यन्तरादि कानां दण्डक एकैक : प्रोक्तस्तत्रकिं कारणम् ? उत्तर : अत्र सूत्रकृतां विवक्षैव प्रमाणमिति।" प्रश्न :- 24 दंडक में भवनपति के दस दंडक कहें और व्यंतरादि का एक-एक दंडक कहा, इसका क्या कारण हैं ? उत्तर :- इसमें सूत्रकारों की विवक्षा (उस तरह से कहने की इच्छा) ही प्रमाण है। संमूर्छिम जीवों और संमूर्छिम मनुष्यों के बारे में प्रसंग अनुसार 40 वी गाथा के विवेचन में कहेंगें। २४द्वारों का संक्षिप्त संग्रह गाथा संखित्तयरी उइमा,सरीरमोगाहणायसंघयणा सन्नासंठाण कसाय, लेसिन्दियदुसमुग्घाया॥३॥ फूटनोट :+12 कल्पोपन्न, 9 ग्रेवेयक, 5 अनुत्तर पे 26 प्रकार के वैमानिक देव है। 3 किल्बिषिक देव :1. पहले-दूसरे देवलोक के नीचे, 2. तीसरे-चौथे देवलोक के नीचे, 3. छट्टे देवलोक के नीचे है। और 9 लोकान्तिक को पांचवे ब्रह्मकल्प देवलोक में गिनना। दंडक प्रकरण सार्थ (6) 24 द्धारों का संक्षिप्त संग्रह
SR No.004273
Book TitleDandak Prakaran Sarth Laghu Sangrahani Sarth
Original Sutra AuthorGajsarmuni, Haribhadrasuri
AuthorAmityashsuri, Surendra C Shah
PublisherAdinath Jain Shwetambar Sangh
Publication Year2006
Total Pages206
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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