________________ विशेषार्थ :- . 1. विष्कम्भ, व्यास, वृत्त विष्कम्भ- याने वृत्त (गोल) पदार्थ की चौडाई। 2. परिधि, परिरय - याने वृत्त (गोल) पदार्थ का विस्तार। 3. गणितपद, क्षेत्रफल - याने किसी भी माप का समचोरस खंडो से पूरे क्षेत्र का माप निकालना। 4. इस गाथा में बताये हुए गणित की पद्धति अनुसार परिधि की संख्या का जवाब आठवी गाथा में तथा गणित पद की संख्या का जवाब 9 वीं-१० वी गाथा में बताया है। विष्कम्भ x विष्कम्भ-गुणाकार X गुण्य 100000 X 100000 = 10000000000 X 10 = गुणाकार योजन - गाऊ धनुष्य 1,00,000,000,000 = 396227 -3 - 128 अंगुल विष्कम्भ का चौथा भाग = जंबुद्वीप का क्षेत्रफल 13 / / 30373/1054094 25000 = 7905694150 १-गाऊ, १५१५-ध०, 60 अंगुल * * फूटनोट :वर्गमूल की रीत तथा स्पष्ट गणित परिभाषा-भाज्य- जिस संख्या का भाग करना हो, वह संख्या भाजक- जिससे जो संख्या से भाग किया जाय, भागाकार- भाग की हुई संख्या शेष-भाग करने के बाद बाकी रही हुई संख्या / वर्ग- किसी भी संख्या को, उसी संख्या से गुणा करना वर्गमूल- कोइ भी दो समान संख्या के गुणाकार वाली संख्या की मूल संख्या को खोज निकालना, वह वर्गमूल, वर्गमूल की संख्या को उसी वर्गमूल वाली संख्या से गुणा करने से, फिर से वही वर्गवाली संख्या आनी चाहिए। उदा :- 16 मूल संख्या है, उसको 16 से गुणा करने पर 256 का वर्ग होता है। उसका वर्गमूल निकालें तो वो ही मूल संख्या आती है, इसी वर्गमूल को फिर से वर्गमूल 16 से गुणा किया जाय तो मूलवर्ग 256 आती है। अंक का गणित हमेशा दाहिनी ओर से बायी और होता है। याने एकम संख्या का दाहिनी ओर | लघु संगहणी सार्थ (135) जंबूद्वीप का क्षेत्रफल